पटना में अतिपिछड़ा न्याय संकल्प पत्र जारी करते राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और तेजस्वी यादव.
- बिहार चुनाव में महागठबंधन ने अति पिछड़ा वर्ग के लिए 10 महत्वपूर्ण ऐलान किए हैं, जिनमें EBC एक्ट शामिल है.
- पंचायत और नगर निकाय चुनावों में आरक्षण सीमा को 20 से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया है.
- आरक्षण की बढ़ी हुई सीमा को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा.
बिहार चुनाव में अति पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं को साधने के लिए महागठबंधन ने 10 ऐलान किए हैं. इसमें SC-ST एक्ट की तर्ज पर EBC एक्ट लाने, पंचायती राज और नगरीय निकाय चुनाव में आरक्षण की सीमा को 20 से बढ़ाकर 30 फीसदी करने और आरक्षण की बढ़ी हुई सीमा को लेकर बने कानून को नौवीं अनुसूची में शामिल कराने समेत 10 ऐलान किए गए हैं. महागठबंधन को उम्मीद है कि इन ऐलानों के जरिए अति पिछड़ी आबादी का एक हिस्सा उनकी तरफ आएगा. अब तक यह वर्ग NDA को वोट करता रहा है. कांग्रेस ने अति पिछड़ी जातियों से आने वाले नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं से चर्चा के बाद इसे तैयार किया है.
क्या हैं 10 ऐलान- अतिपिछड़ा न्याय संकल्प पत्र जानिए
- ‘अतिपिछड़ा अत्याचार निवारण अधिनियम' (EBC एक्ट) पारित किया जाएगा.
- अतिपिछड़ा वर्ग के लिए पंचायत तथा नगर निकाय में 20% आरक्षण को बढ़ाकर 30% किया जाएगा.
- आबादी के अनुपात में आरक्षण की 50% की सीमा को बढ़ाने के लिए बने कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.
- नियुक्तियों की चयन प्रक्रिया में “Not Found Suitable” (NFS) को अवैध घोषित किया जाएगा.
- अतिपिछड़ा वर्ग की सूची शामिल जातियों से जुड़े विवाद से संबंधित सभी मामलों को एक कमेटी बनाकर निष्पादित किया जाएगा.
- अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति, जन-जाति तथा पिछड़ा वर्ग के सभी आवासीय भूमिहीनों को शहरी क्षेत्रों में 3 डेसिमल तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 5 डेसिमल आवासीय भूमि उपलब्ध करायी जाएगी.
- RTE के तहत निजी विद्यालयों में नामांकन के लिए रिजर्व सीटों का आधा हिस्सा अतिपिछड़ा, पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और जन-जाति के बच्चों के लिए रिजर्व किया जाएगा.
- 25 करोड़ रुपयों तक के सरकारी ठेकों में अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जाति के लिए 50% आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा.
- राज्य के सभी निजी शिक्षण संस्थानों के एडमिशन में आरक्षण लागू किया जाएगा.
- आरक्षण की देखरेख के लिए उच्च अधिकार प्राप्त आरक्षण नियामक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा. और जातियों की आरक्षण सूची में कोई भी परिवर्तन केवल विधान मंडल की अनुमति से ही संभव होगा.
क्यों अहम हैं EBC वोटर?
बिहार में अति पिछड़ा वर्ग की आबादी 36 फीसदी है, इसमें 112 जातियां शामिल हैं. यह वर्ग पारंपरिक रूप से नीतीश कुमार और एनडीए का वोटर रहा है. CSDS का सर्वे बताता है कि 2005 अति पिछड़ी जातियों का 57 % और 2010 के चुनाव में 63 फीसदी वोट NDA गठबंधन को मिला था.
2010 में NDA ने 243 में से 206 सीटें जीती थी. पिछले विधानसभा चुनाव में यादव, कोइरी, कुर्मी के अलावा पिछड़ी जातियों और अन्य पिछड़ी जातियों के समूह ने एनडीए को 58 फीसदी और महागठबंधन को 18 फीसदी वोट दिए थे. महागठबंधन को उम्मीद है कि इन ऐलानों के बाद वह अति पिछड़ा मतदाताओं में सेंधमारी कर पाएगा.
तेजस्वी-राहुल ने खुद को अति पिछड़ा का हितैषी बताया
एजेंडा जारी करने के कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा कि यह आपसे वोट ले रहे थे, आपको यूज कर रहे थे और आपको कबाड़ में फेक रहे थे. हमने आपसे बातचीत कर यह एजेंडा तैयार किया है. यह आपका एजेंडा है. वहीं तेजस्वी यादव अति पिछड़ा आरक्षण की सीमा बढ़ाने में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और अपनी भूमिका का जिक्र करते नजर आए.
दोनों नेता खुद को अति पिछड़ी जातियों का हितैषी साबित करने की कोशिश कर रहे थे. जाहिर है अगर सबसे बड़े समूह में महागठबंधन थोड़ी भी सेंधमारी करता है तो उनकी सरकार बनाने की उम्मीदों को पंख लगेंगे. पूरी कवायद इसी को ध्यान में रखकर की जा रही है.
यह भी पढ़ें - बिहार में कौन सी हैं अति पिछड़ी जातियां? जिन्हें साधकर CM बने नीतीश, अब राहुल-तेजस्वी की नजर