'पापा बाथरूम करके आए, फिर पांचों को फंदे से लटकाया', बेटे ने बताया बिहार सुसाइड का खौफनाक मंजर

बिहार में सुसाइड का एक दर्दनाक मामला सामने आया है, जहां एक पिता ने अपने 5 बच्‍चों को फांसी के फंदे से बांध दिया. लेकिन गनीमत रही कि 2 बच्चों के पैर नीचे रखी पेटी से जा टकराया और वे बच गए.

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  • बिहार के मुजफ्फरपुर में एक पिता ने अपने पांच बच्चों को फांसी के फंदे से लटकाकर फिर खुद आत्महत्या कर ली
  • छह वर्षीय शिवम और पांच वर्षीय चंदन ने फंदा लगने के बाद नीचे रखी पेटी की वजह से अपनी जान बचाई
  • पिता अमरनाथ राम ने तीन बेटियों अनुराधा शिवानी और राधिका को भी फांसी के फंदे पर लटकाया जिससे उनकी मौत हो गई
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मुजफ्फरपुर:

पापा बाथरूम गए, वहां से वापस घर में आए, तो एक-एक करके बहनों को फांसी के फंदे पर लटका दिया. इसके बाद हमारे गले में भी फांसी का फंदा बांध दिया... 6 साल का शिवम जब ये दर्दनाक हादसा बयां कर रहा था, तो उसकी आंखों में खौफ और आवाज में पिता और बहनों को खोने का दर्द महसूस किया जा सकता था. बिहार के मुजफ्फरपुर से ये दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक पिता ने अपने पांचों बच्‍चों को एक-एक कर फांसी के फंदे से लटकाया और फिर खुद भी आत्‍महत्‍या कर ली. 6 साल का शिवम और उसका 5 साल का छोटा भाई चंदन खुशनसीब थे कि मौत की दहलीज पर पहुंचकर वापस आ गए.

पढ़ें- बिहार में दिल दहला देने वाली घटना: पिता ने पांच बच्चों को फंदे से लटकाया, फिर खुद भी लगा ली फांसी

पांचों बच्‍चों को फंसे से लटकाया

रविवार की रात शिवम के घर में जो कुछ हुआ, वो उसे ताउम्र नहीं भुला पाएगा. शिवम की आंखों के सामने उसके पिता और 3 बहनें फांसी के फंदे पर झूल गए, जिससे उनकी जान चली गई. पिता ने फंदे पर शिवम और चंदन को भी लटकाया था, लेकिन वे किसी तरह बच गए. घटना के कई घंटे के बाद भी दोनों मासूम बच्चे उस दर्दनाक हादसे से इतने खौफ में हैं कि वह ना तो अपनी आंखें खोल पा रहे हैं और ना ही उस दर्दनाक मंजर को बयां कर पा रहे हैं. उस दर्दनाक मंजर को बयां करते हुए शिवम की जुबान भी लड़खड़ा रही है.

ऐसे बची शिवम और चंदन की जान 

पिता ने शिवम और चंदन के गले में भी फंदा बांध दिया था, ये दोनों भी मौत की दहलीज पर पहुंच गए थे. लेकिन गनीमत यह रही कि दोनों बच्चों के पैर नीचे रखी पेटी से जा टकराया. जिसके कारण दोनों मासूम बच्चों शिवम कुमार और चंदन कुमार की जान बच गई, जबकि उनके पिता अमरनाथ राम और उनकी तीनों बहनों 12 वर्षीय अनुराधा कुमारी 11 वर्षीय शिवानी कुमारी और 7 वर्षीय राधिका कुमारी की मौत हो गई. ये मंजर देख दोनों बच्‍चे सहम गए. 

पापा घर में आए और एक-एक कर सभी को फंदे से लटकाया

मौत के उस दर्दनाक मंजर को याद करते हुए शिवम कुमार ने एनडीटीवी से बताया, 'मैं पापा और बहनों के साथ घर में ही था. मुझे नींद नहीं आ रही थी, तो मैं मोबाइल देख रहा था. तभी पापा बाथरूम करने के लिए बाहर गए. वह जब बाथरूम करके वापस घर में आए, तो बारी-बारी से सभी को पहले फंदे से लटका दिया. पहने तीनों बहनों को फंदे से लटकाया और फिर खुद फंदे से लटक कर झूल गए. लेकिन मैं और मेरा छोटा भाई गले से रस्सी खोलकर नीचे उतर गए और बच गए. बाकी सभी लोगों की मौत हो गई.

आखिर क्‍यों उठाया ऐसा खौफनाक कदम! 

चार लोगों के सुसाइड की सूचना मिलते ही सकरा थाना की पुलिस मौके पर पहुंची. वहीं, एफएसएल की टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गई है, अब देखना होगा कि यह पूरा मामला आत्महत्या है या फिर पुलिस जांच में कुछ और सामने निकल कर आता है. घटनास्‍थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. ये कारण भी पता नहीं चल पाया है कि आखिर, पिता अमरनाथ राम ने अपने बच्‍चों को फांसी के फंदे पर क्‍यों लटकाया और फिर खुद भी क्‍यों अपनी जान दे दी. पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि कहीं ये कोई अंधविश्‍वास का मामला तो नहीं है? दिल्‍ली के बुराड़ी और कई अन्‍य जगहों पर ऐसे मामले सामने आए हैं, जब परिवार के सभी सदस्‍यों ने एक साथ फांसी लगा ली. बताया जा रहा है कि अमरनाथ राम की पत्‍नी की एक साल पहले मृत्‍यु हो गई थी. इसके बाद से ही अमरनाथ राम मानसिक रूप से परेशान चल रहे थे. 

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