बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को यहां एक समारोह में शहर के पहले ‘एलिवेटेड कॉरिडोर' या ‘डबल-डेक फ्लाईओवर' का उद्घाटन किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि तेजी से आगे बढ़ रही ‘पटना मेट्रो' परियोजना के साथ इस ‘डबल-डेक फ्लाईओवर' की कनेक्टिविटी से शहर का यातायात प्रबंधन और मजबूत होगा.
अब सोशल मीडिया पर इस एलिवेटेड कॉरिडोर या डबल-डेक फ्लाईओवर को लेकर कई तरह की थ्योरी चल रही हैं. कुछ लोगों का दावा है कि खुदा बख्श लाइब्रेरी को बचाने के लिए इस फ्लाईओवर को टेढ़ा बनाया गया है. लेकिन उनका यह दावा गलत है.
सोशल मीडिया थ्योरी की क्या है सच्चाई
दरअसल, भविष्य में इस डबल-डेक फ्लाईओवर को तीन जगहों से जोड़ने की योजना है, जिसके लिए कुछ प्वाइंट छोड़े गए हैं. इस फ्लाईओवर को PMCH और पटना NIT घाट से जोड़ने की योजना है, जिसके कारण यह थोड़ा टेढ़ा दिख रहा है. इसलिए, सोशल मीडिया पर चल रही थ्योरी की सच्चाई यह है कि फ्लाईओवर का डिज़ाइन भविष्य की योजनाओं के अनुसार बनाया गया है, न कि किसी विशेष स्थल को बचाने के लिए.
CM ने किया फ्लाईओवर का निरीक्षण
वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, इस फ्लाईओवर का निर्माण बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा 422 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. बयान में कहा गया है, ‘‘उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने गांधी मैदान के पास कारगिल चौक से साइंस कॉलेज और साइंस कॉलेज से कारगिल चौक तक डबल डेकर फ्लाईओवर का निरीक्षण किया. उन्होंने पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) से इसकी कनेक्टिविटी के बारे में भी जानकारी ली.''
इस फ्लाईओवर का निर्माण अशोक राजपथ के ऊपर दो लेयर (डेक) में किया गया है जो गांधी मैदान के पास कारगिल चौक से शुरू होकर पीएमसीएच से साइंस कॉलेज तक जाता है. बयान में कहा गया है, ‘‘गांधी मैदान से साइंस कॉलेज तक एलिवेटेड कॉरिडोर का ऊपरी डेक (टियर-दो) 2175.50 मीटर है। ऊपरी डेक (टियर-दो) गांधी मैदान से साइंस कॉलेज जाने वाले वाहनों के लिए है. निचला डेक (टियर-एक) 1449.30 मीटर लंबा है, जो गांधी मैदान से पटना कॉलेज जाने वाले वाहनों के लिए है। इस पथ के डेक की चौड़ाई 8.5 मीटर है.''