बिहारी जातिवादी नहीं, नेता एक साजिश के तहत बिहारियों को जातिवाद से बाहर नहीं आने देते- उदय शंकर

उदय शंकर ने कहा कि बिहारी जब बिहार से बाहर चला जाता है तो कास्ट की बात ही नहीं होती, वो जैसे ही पटना एयरपोर्ट या पटना स्टेशन पर उतरता है, ये एक साजिश है कि उसको उसकी जाति मत भूलने दो, जैसे ही जाति भूलेगा वो हक मांगने लगेगा.

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  • उदय शंकर ने बिहार के आर्थिक भविष्य पर खुलकर चर्चा करने और जाति की राजनीति को समाप्त करने पर जोर दिया
  • उदय शंकर ने कहा कि बिहार में जाति के नाम पर वोटिंग को बढ़ावा देना एक राजनीतिक साजिश है
  • बिहार से बाहर रहने वाले बिहारी जाति को भूल जाते हैं, लेकिन वापस आने पर जाति की बात फिर शुरू हो जाती है
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पटना:

बोधि ट्री सिस्टम्स के फाउंडर उदय शंकर ने NDTV पावरप्ले के मंच पर कहा कि बिहार के आर्थिक भविष्य पर चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने एनडीटीवी के एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल के साथ बातचीत में कहा कि बिहार में अब जाति की बात बंद हो.

आगामी चुनावों का एजेंडा क्या होना चाहिए, यह पूछे जाने पर उदय शंकर ने कहा कि घोषणा पत्र निष्पक्ष होना चाहिए. कुछ ऐसे मुद्दे होने चाहिए जिन पर सभी दलों की सहमति हो.

जिन मुद्दों की पहचान नहीं हो पा रही है, उनके बारे में उन्होंने कहा कि जाति के मुद्दे का एक कानूनी पहलू भी होना चाहिए. मुझे अभी भी नहीं पता कि राजनेता बिहार के आर्थिक भविष्य के बारे में क्या सोच रहे हैं.

उदय शंकर ने कहा कि ये नेताओं ने फैलाया कि जनता कास्ट के नाम पर वोट देती है, साल दर साल सिर्फ कास्ट की ही बात होती है. वहीं बिहारी जब बिहार से बाहर चला जाता है तो कास्ट की बात ही नहीं होती, वो जैसे ही पटना एयरपोर्ट या पटना स्टेशन पर उतरता है, ये एक साजिश है कि उसको उसकी जाति मत भूलने दो, जैसे ही जाति भूलेगा वो हक मांगने लगेगा.

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