बिहार: स्कूल में टीचर ही बच्चों से साफ-सफाई और घास उखड़वाते आए नजर, शिक्षा व्यव्सथा पर उठ रहे सवाल

वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि शिक्षक मोहम्मद इमरान अपने हाथ में डंडा लिए हुए बच्चों को डांट रहे हैं और उन्हें स्कूल मैदान की घास उखाड़ने का आदेश दे रहे हैं.

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बिहार के स्कूल में बच्चों से कराई जा रही है साफ-सफाई.
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  • बिहार के सरकारी स्कूलों में बच्चों से काम लेने का मामला सामने आया है.
  • मुंगेर के एक स्कूल में शिक्षक हाथ में डंडा लिए बच्चों से साफ-सफाई और घास उखड़वाता नजर आया.
  • इस घटना के बाद शिक्षा व्यवस्था की आलोचना की जा रही है.
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मुंगेर:

बिहार में सरकारी स्कूलों की दुर्दशा पर एक बार फिर से सवाल खड़े हो गए हैं. दरअसल, मुंगेर जिले के हवेली खड़गपुर प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय राजा रानी तालाब से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें स्कूल के शिक्षक मोहम्मद इमरान हाथों में डंडा लेकर स्कूल के नन्हें छात्रों से पढ़ाई छुड़वाकर स्कूल परिसर की साफ सफाई और घास उखड़वा रहे हैं.

यह घटना न केवल बच्चों के शिक्षा अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि बिहार सरकार की शिक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है. दरअसल, वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि शिक्षक मोहम्मद इमरान अपने हाथ में डंडा लिए हुए बच्चों को डांट रहे हैं और उन्हें स्कूल मैदान की घास उखाड़ने का आदेश दे रहे हैं. मासूम बच्चे स्कूल बैग छोड़कर स्कूल की जमीन पर झुककर घास उखाड़ते नजर आते हैं.

यह वीडियो शिक्षा व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है कि जहां बच्चों को किताबों की जगह झाड़ू और हाथ से घास उखाड़ने पर मजबूर किया जा रहा है. वहीं जब मीडिया की टीम वहां पहुंची और बच्चों की इस दुर्दशा को कैमरे में कैद करने लगी, तो स्कूल के प्रधानाध्यापक मौके पर पहुंचे और मीडिया को वीडियो बनाने से मना करने लगे. उन्होंने कहा कि स्कूल का समय सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक है और इस बीच बच्चों को पढ़ाया जाता है. उन्होंने स्वीकार किया कि शिक्षक इमरान बच्चों से मैदान की सफाई करवा रहे थे, जो गलत है. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया था.

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वहीं इस मामले को लेकर जब जिला शिक्षा पदाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया. उन्होंने केवल इतना कहा कि जांच की जाएगी. इस तरह की टालमटोल और उदासीनता ने यह स्पष्ट कर दिया कि प्रशासनिक स्तर पर भी इस प्रकार की घटनाओं को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. बता दें कि यह कोई पहली घटना नहीं है, जब बिहार के किसी सरकारी स्कूल में बच्चों से काम करवाने का मामला सामने आया हो. इससे पहले भी कई बार इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभाई जाती है.

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