Bihar: बिहार (Bihar) में राज्यपाल फागु चौहान ( जो सभी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं )और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के बीच रिश्ते असहज और तनावपूर्ण होते जा रहे हैं. इसके पीछे कारण हैं विभिन्न विश्वविद्यालय में नियुक्त कुलपतियों की कथित वित्तीय अनियमितता. एक कार्यक्रम में राज्यपाल फागु चौहान (Phagu Chauhan) ने जहां एक आरोपी कुलपति को सबसे अच्छे कुलपति का पुरस्कार दिया, वहीं राज्य के शिक्षा मंत्री और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस कार्यक्रम से दूर रहे. मंगलवार को पटना के राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर एसपी सिंह को सबसे अच्छे कुलपति का पुरस्कार दिया गया.
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डॉक्टर सिंह अब तक जहां भी रहे हैं, उनका कार्यकाल विवादास्पद रहा है. एक दिन पूर्व मौलाना मजरुल हक़ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर मोहम्मद कूदुस ने एसपी सिंह के प्रभार के दौरान कई ग़लत तरीक़े से भुगतान का ज़िक्र करते हुए एक पत्र राज्यपाल और मुख्यमंत्री को लिखा था. डॉक्टर कूदुस ने अपने ऊपर, अतुल श्रीवास्तव नामक व्यक्ति द्वारा भुगतान का दबाव बनाए जाने के बारे में भी विस्तार से लिखा है. डॉक्टर मोहम्मद कूदुस कहते हैं, ''भुगतान करने की ..बेबसी का उदाहरण मानिए. मैं नहीं चाहता कि चिट्टी आ जाए कि वित्तीय अनियमितता की हैं. पद का दुरुपयोग किया है. इसलिए मैंने सच्चाई को उनके सामने किया है जिन्होंने मुझे कुलपति के पद पर बिठाया.'
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गौरतलब है कि इससे पूर्व, मगध विश्व विद्यालय के कुलपति के घर पर छापेमारी में 90 लाख रुपये की नकदी बरामद हुई थी. इस बीच राज्य सरकार का कहना हैं कि चाहे जांच हो या समारोह से अलग रहने का फ़ैसला, यह सब सोच समझ कर लिया गया है. राज्य के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने साफ कहा, 'भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री की ज़ीरो टॉलरेंस की नीति रही है.