'झाड़-फूंक' करता दिखा आरोपी, पूर्णिया में डायन बताकर हत्या मामले में नया मोड़

पुलिस की पूछताछ में आरोपी नकुल उरांव ने भी वारदात से पहले पंचायत होने की बात स्वीकार किया है. नकुल ने बताया कि पंचायत के फैसले के बाद रात 11 बजे उसने 50 लोगों के साथ बाबू लाल उरांव के घर धावा बोला था.

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नकुल ने गांव में फैलाई अफवाह
पूर्णिया:

बिहार में पूर्णिया के रजीगंज पंचायत के टेटगामा गांव में 6 जुलाई की देर रात डायन बताकर एक ही परिवार के 5 लोगों की जिंदा जलाकर हत्या एक भीड़ द्वारा कर दी गई थी. वहीं इस मामले में हत्याकांड का मुख्य आरोपी नकुल, जो अब जेल में है, उसका वीडियो सामने आया है. वीडियो करीब 10 दिन पहले का है, जब गांव के रामदेव उरांव के बेटे सुजीत की बीमारी से मौत हो गई थी. वीडियो में आरोपी नकुल सुजीत का झाड़-फूंक करता दिखाई दे रहा है. वहीं, नकुल के इस वीडियो के सामने आने के बाद हत्याकांड में एक नया मोड़ ला दिया है. 

नकुल झाड़-फूंक करता दिख रहा

वायरल वीडियो में मुख्य आरोपी नकुल उरांव एक कमरे में बैठा दिखाई दे रहा है, जबकि उसी कमरे में सुजीत जमीन पर लेटा है. सुजीत की हालत गंभीर दिखाई दे रही है. वीडियो में नकुल बच्चे की मौत के लिए गांव के ही किसी शख्स को जिम्मेदार ठहराता दिखाई दे रहा है. वो कह रहा है कि उसके पास कोई झाड़ फूंक कराने नहीं पहुंचता है. सब पहले किसी और के पास जाते हैं और फिर सब कुछ हाथ से निकलने पर लोग उसके पास आते हैं. जाहिर है कि आदिवासी समुदाय में झाड़-फूंक का खेल लंबे समय से चल रहा है. कुछ लोग तो यह भी कहते हैं कि बाबूलाल के परिवार में भी झाड़-फूंक का काम चलता था.

नकुल ने गांव में फैलाई अफवाह

चर्चा है कि रामदेव उरांव के बेटे को झाड़ फूंक के लिए पहले बाबूलाल उरांव की मां के पास ले जाया गया था. वहां उसकी बिगड़ने लगी, तो बाबू लाल उरांव ने बच्चे को अस्पताल ले जाने के लिए कहा. मगर रामदेव इसके बाद झाड़ फूंक के लिए नकुल उरांव के पास लेकर चला गया था. झाड़-फूंक में बच्चे की जान चली गई थी. इस पर नकुल ने बाबूलाल की पत्नी सीता देवी और उसकी सास कातो देवी को डायन बता कर बच्चे को बीमार करने और उसे निगल जाने की अफवाह फैलाकर अपना पल्ला झाड़ लिया था.

नकुल ने स्वीकार किया पंचायत की बात

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस की पूछताछ में आरोपी नकुल उरांव ने भी वारदात से पहले पंचायत होने की बात स्वीकार किया है. नकुल ने बताया  कि पंचायत के फैसले के बाद रात 11 बजे उसने 50 लोगों के साथ बाबू लाल उरांव के घर धावा बोला था. परिवार से मारपीट करते हुए घर के सभी 7 सदस्यों को पकड़कर पंचायत तक लाए. यहां लोगों ने बाबू लाल उरांव और उसकी पत्नी सीता देवी, मां मो कातो, पतोहू रानी देवी, बेटा मनजीत उरांव की लाठी-डंडे से पीट पीटकर हत्या कर दी. इसके बाद लाश को गांव से दूर बिसरिया बहियार ले जाकर जलकुंभी में छिपा दिया गया.

पूर्णिया से पंकज भारतीय की रिपोर्ट

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