बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है, खासकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अगले कदम को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. सवाल उठ रहा है कि क्या राज्य में सियासी फेरबदल हो सकता है? लेकिन तेजस्वी यादव ने इन कयासों पर न केवल विराम लगाया, बल्कि नीतीश कुमार पर भी तीखा हमला किया.
जब विपक्षी नेता तेजस्वी यादव से इस विषय पर सवाल किया गया, तो उनका जवाब था, 'यह सब बेकार की बातें हैं, इनमें कोई दम नहीं है. अब नीतीश कुमार होश में नहीं हैं और बिहार का प्रशासन सही तरीके से नहीं चला पा रहे हैं. तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है और उनके नेतृत्व में सरकार नहीं चल रही, बल्कि राज्य के कई रिटायर्ड अधिकारी ही बिहार चला रहे हैं.
इसके साथ ही, तेजस्वी यादव ने शनिवार को बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की पीटी परीक्षा को पूरे राज्य में रद्द करने की मांग दोहराई. उनका कहना था कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार का कोई ठोस दिशा नहीं है और इसके कारण राज्य में शिक्षा और प्रशासन के कई मुद्दे गहरे होते जा रहे हैं.
BPSC परीक्षा पर क्या बोले तेजस्वी यादव?
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने एक बार फिर CM नीतीश कुमार पर हमला किया है. BPSC अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज पर तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में सरकार है कि नहीं, पहले इस पर चर्चा होनी चाहिए. यह जनता की सरकार नहीं, बल्कि भ्रष्टाचारियों की सरकार है.
कहां से अटकलों को मिली हवा
बिहार विधानसभा चुनाव में मुश्किल से 7-8 महीने का समय बचा है. इस राजनीतिक चर्चा की शुरुआत तब हुई जब एक कॉन्क्लेव के दौरान गृह मंत्री अमित शाह से पूछा गया कि बिहार में बीजेपी की रणनीति क्या होगी और नेता कौन होगा? इस सवाल पर अमित शाह ने कहा कि इस पर फैसला बीजेपी का पार्लियामेंट बोर्ड करेगा. यह बयान चौंकाने वाला इसलिए था क्योंकि इससे पहले एनडीए और बीजेपी के नेता बार-बार यह कहते आए थे कि बिहार में एनडीए के नेता नीतीश कुमार ही रहेंगे. अमित शाह के इस बयान के बाद जेडीयू के नेताओं में संशय पैदा हो गया.
'बीजेपी की अपनी सरकार हो...'
जब देश भर में अटल बिहारी वाजपेयी का 100वां जन्मदिन मनाया जा रहा था, उस समय बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा के एक बयान ने राजनीतिक हलचल मचा दी. विजय सिन्हा ने कहा कि बिहार में बीजेपी की अपनी सरकार हो, यह अटल बिहारी वाजपेयी का सपना था और इसे हम पूरा कर सकते हैं. इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में एक बार फिर से चर्चा तेज हो गई. हालांकि, बाद में विजय सिन्हा ने इस बयान पर स्पष्टीकरण दिया और कहा कि बिहार में नेतृत्व नीतीश कुमार के पास ही रहेगा. लेकिन उनके पहले बयान ने एनडीए गठबंधन और जेडीयू-बीजेपी के रिश्तों पर सवाल खड़े कर दिए.