अपराधियों पर शिकंजा,आतंकवाद पर और सख्ती... नए साल में और मजबूत होगी बिहार की सुरक्षा व्यवस्था

आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान पुलिस की भूमिका बेहद अहम रही. चुनाव के समय 1650 कंपनियों की तैनाती की गई थी. चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद पुलिस ने चुनाव को शांतिपूर्ण और सफल तरीके से संपन्न कराया.

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बिहार सरकार ने नए साल के लिए बनाया रिज़ॉल्यूशन
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  • बिहार पुलिस मुख्यालय ने अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई तेज कर दी है
  • पुलिस ने संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त बल तैनात कर सभी घटनाओं को शांतिपूर्ण ढंग से नियंत्रित किया है
  • एंटी टेरर स्क्वायड ने राज्य भर में कई मॉक ड्रिल कराए और बॉम्ब डिस्पोजल स्क्वायड की संख्या दोगुनी की है
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पटना:

बिहार में अपराध और आतंकवाद पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर पुलिस मुख्यालय लगातार सख्त कदम उठा रहा है. पुलिस मुख्यालय की ओर से साझा की गई अहम जानकारी के अनुसार,अपराधियों के खिलाफ संपत्ति जब्ती की कार्रवाई तेज़ी से आगे बढ़ रही है.अब तक करीब 1400 अपराधियों की पहचान की जा चुकी है,जिनमें से लगभग 700 अपराधियों पर कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नए साल से इस अभियान को और तेज किया जाएगा, ताकि अपराधियों की कमर तोड़ी जा सके.

पुलिस मुख्यालय ने यह भी बताया कि पर्व और त्योहारों के दौरान मुख्यालय स्तर से लगातार मॉनिटरिंग की गई. कई जगहों पर पुलिस को चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन मुस्तैदी और सतर्कता के साथ सभी त्योहार शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराए गए. पुलिस की रणनीति यह रही कि संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त बल तैनात किया जाए और किसी भी अप्रिय घटना पर तुरंत कार्रवाई हो.

विधानसभा चुनाव में भी रही कड़ी सुरक्षा

विधानसभा चुनाव के दौरान पुलिस की भूमिका बेहद अहम रही. चुनाव के समय 1650 कंपनियों की तैनाती की गई थी. चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद पुलिस ने चुनाव को शांतिपूर्ण और सफल तरीके से संपन्न कराया. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सुरक्षा व्यवस्था, गश्त और त्वरित प्रतिक्रिया की वजह से किसी बड़ी घटना की स्थिति नहीं बनी.

आतंकवाद से निपटने में एटीएस की अहम भूमिका

आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में एंटी टेरर स्क्वायड (ATS) लगातार सक्रिय है. एटीएस द्वारा राज्य के सभी संवेदनशील प्रतिष्ठानों की रेकी की जाती है. इस वर्ष 41 जगहों पर रेकी और मॉक ड्रिल कराई गई, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तैयारी मजबूत रहे. इसके साथ ही बॉम्ब डिस्पोजल स्क्वायड की क्षमता भी बढ़ाई गई है. पहले जहां केवल एक यूनिट थी, अब इसे दो यूनिट कर दिया गया है. इससे किसी भी संदिग्ध वस्तु या बम की सूचना पर तेज़ और सुरक्षित कार्रवाई संभव हो सकेगी.

सोशल मीडिया पर भी कड़ी नजर

पुलिस और एटीएस अब सोशल मीडिया पर भी विशेष निगरानी रख रही है. वर्ष 2025 में 176 ऐसे लोगों की पहचान की गई, जिनके सोशल मीडिया पोस्ट राष्ट्रविरोधी प्रतीत हो रहे थे. इनमें से 5 लोगों पर कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है. पुलिस का साफ कहना है कि सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाह फैलाने या देश विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.

पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग पर विशेष जोर

पुलिस बल को और मजबूत बनाने के लिए ट्रेनिंग पर खास ध्यान दिया जा रहा है. इस वर्ष 176 पुलिसकर्मियों को एनएसजी मानेसर और एनएसजी कोलकाता में विशेष प्रशिक्षण दिलाया गया है. इसके अलावा एनएसजी मानेसर में कमांडो कोर्स भी कराया जा रहा है, जिससे पुलिस बल की कार्यक्षमता और पेशेवर क्षमता बढ़ सके.

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एटीएस की क्षेत्रीय इकाइयों का प्रस्ताव

एटीएस को और प्रभावी बनाने के लिए पटना, गया, मोतिहारी, दरभंगा और पूर्णिया में क्षेत्रीय इकाइयां स्थापित करने का प्रस्ताव डीजीपी द्वारा गृह विभाग को भेजा गया है. इसके साथ ही हर थाने में एक अधिकारी और एक कर्मी की तैनाती की योजना है, जिनका मुख्य काम आतंकवाद से जुड़ी सूचनाओं का संकलन होगा.

युवाओं तक पहुंचने की पहल

एटीएस द्वारा पब्लिक आउटरीच प्रोग्राम भी चलाया जा रहा है. इसका उद्देश्य युवाओं में राष्ट्रभक्ति की भावना को मजबूत करना और उन्हें गलत रास्ते पर जाने से रोकना है.

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नए साल के लिए विशेष निर्देश

नए साल को लेकर पुलिस मुख्यालय ने सभी थानों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं. पुलिस सड़कों पर दिखाई देगी, गश्त बढ़ाई जाएगी और आम लोगों की मदद को प्राथमिकता दी जाएगी. पुलिस का प्रयास है कि जनता थाना जाने से डरे नहीं, बल्कि पुलिस को मित्र और सहायक के रूप में देखे.

सीमावर्ती इलाकों में भी सख्ती

सीमावर्ती इलाकों में एसएसबी और पुलिस मिलकर संयुक्त कार्रवाई कर रही है. इस कार्य में स्पेशल ब्रांच और इंटेलिजेंस एजेंसियों का भी सहयोग लिया जा रहा है, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आने वाले समय में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा, ताकि राज्य में शांति, कानून व्यवस्था और आम जनता का भरोसा लगातार बना रहे.

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