बिहार के सिवान, सारण और गोपालगंज जिलों में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के मामलों में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और सात महिलाओं समेत 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि तीनों जिलों में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से 37 लोगों की मौत हुई है. मशरख थाने के प्रभारी और भगवानपुर चौकी पर तैनात एक अन्य पुलिस अधिकारी को उनके क्षेत्राधिकार में संदिग्ध जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के मामले में लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया है.
सारण रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) नीलेश कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि सीवान और सारण जिलों के प्रशासन ने घटना के बाद मगहर, औरिया और इब्राहिमपुर क्षेत्रों के तीन चौकीदारों को पहले ही निलंबित कर दिया है.
सोलह अक्टूबर से अब तक सीवान जिले के मगहर और औरिया पंचायतों में अवैध शराब पीने से 28 लोगों की मौत हो चुकी है. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सारण जिले के मशरख थाने के अंतर्गत इब्राहिमपुर इलाके में सात लोगों और गोपालगंज में दो लोगों की मौत शराब पीने के कारण हुई. उन्होंने बताया कि सारण रेंज के अंतर्गत आने वाले तीनों जिलों में कुल 37 लोगों की मौत हुई है.
नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार ने 5 अप्रैल 2016 को शराब की बिक्री और सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था. डीआईजी ने कहा, ‘‘पुलिस ने हाल शराब पीने से हुई मौतों के सिलसिले में 21 आरोपियों (सीवान में 13 और सारण में आठ) को गिरफ्तार किया है. उनमें से सात महिलाएं हैं, जो दोनों जिलों में अवैध शराब के निर्माण और आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा थीं.''
डीआईजी ने कहा, ‘‘हमने इन जिलों में अवैध शराब की आपूर्ति और निर्माण से जुड़े कई लाख रुपये के लेन-देन का भी पता लगाया है और इस संबंध में महत्वपूर्ण डिजिटल साक्ष्य एकत्र किए हैं.'' उन्होंने कहा कि सक्षम प्राधिकारी द्वारा धन शोधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोपियों के खिलाफ एक अलग मामला दर्ज किया जाएगा. डीआईजी ने कहा कि तीन जिलों में संदिग्ध जहरीली शराब त्रासदी के तुरंत बाद, पुलिस अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में तलाशी ले रही है.
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