बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पूर्व सहयोगी प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को एक बार फिर उनपर निशाना साधा. किशोर ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार पर 15 साल पहले एक गांव में जूता फेंकने की घटना हुई थी जिसकी वजह से उक्त गांव को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़क से वंचित कर दिया गया है. किशोर ने अपने ‘जन सुराज' अभियान के तहत पश्चिमी चंपारण जिले में ग्रामीणों के साथ बातचीत करते हुए कुमार पर कटाक्ष किया.
राज्य की करीब 3500 किलोमीटर लंबी पद यात्रा पर निकले किशोर ने योगापट्टी के लोगों से कहा, ‘‘नवलपुर-बेतिया रोड की हालत ऐसी है कि कोई पांच किलोमीटर चल ले तो उसे दमा हो जाए. सुबह से चल के आ रहे हैं, खांसी नहीं रुक रही है, घुटने तक धूल है. 15 बरस से यही हाल है, क्यों है.''
आईपैक के संस्थापक ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘ लोगों ने बताया कि योगापट्टी में नीतीश कुमार आये थे, किसी ने मंच पर जूता उछाल दिया. इसी गुस्से में वह सड़क ही नहीं बनने दे रहे हैं. यह हाल तो राजतंत्र से भी बुरा है.''
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उन्होंने कहा, ‘‘जूता उछालने वाला नहीं पकड़ा गया लेकिन इलाके के सभी लोगों को दंडित किया जा रहा है. 32 किलोमीट की सड़क नहीं बन रही.''
नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय महासचिव अफाक अहमद ने किशोर पर पलटवार करते हुए कहा, ‘‘किशोर भाजपा के खिलाफ बोलने से क्यों कतरा रहे हैं जिसके पास पिछली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के कार्यकाल में पथ निर्माण विभाग था.''
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गौरतलब है कि जदयू ने करीब तीन महीने पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़ कर बिहार में राष्ट्रीय जनता दल ( राजद), कांग्रेस और वाम सहित ‘महागठबंधन' की नई सरकार बना ली थी.
किशोर ने 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (तब भाजपा के प्रधानमंत्री पद उम्मीदवार)के चुनावी अभियान को संभाला था. जदयू उनपर भाजपा का ‘‘एजेंट'' होने का आरोप लगाती है.
अहमद ने कहा, ‘‘चूंकि प्रशांत किशोर राजनीति में नौसिखिए हैं इसलिए वह इस तरह के बेतुके बयान दे रहे हैं. उन्हें पता होना चाहिए कि बिहार को बदलने का श्रेय नीतीश कुमार को जाता है.''