बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने कैबिनेट सहयोगी इसराइल अहमद मंसूरी के गया में एक मंदिर जाने को लेकर हुए विवाद पर बुधवार को निराशा व नाराजगी व्यक्त की. कुमार ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘‘विभाजनकारी'' राजनीति को विवाद के लिए जिम्मेदार ठहराया.
जनता दल (यूनाइटेड) (जद-यू) नेता ने पूछा, ‘वे (भाजपा) बेवजह के मुद्दों को उठाकर समाज को बांटना चाहते हैं. उनकी क्या शिकायत है? क्या उनके मंत्री मेरे साथ मंदिरों में नहीं गए हैं.' जब यह कहा गया कि राज्य के वरिष्ठ भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन कई हिंदू मंदिरों में जा चुके हैं, तो उन्होंने हां में सिर हिलाकर इस बात पर स्वीकृति जताई.
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सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) विभाग का जिम्मा संभालने वाले मंसूरी को गया जिले का प्रभार भी दिया गया है.
राज्य मंत्रिमंडल में मंत्रियों को एक या एक से अधिक जिले सौंपे जाते हैं जहां वे कार्यक्रम समन्वय समिति के प्रमुख होते हैं. पसमांदा मुस्लिम मंसूरी इस सप्ताह की शुरुआत में मुख्यमंत्री के साथ गया के दौरे पर गए थे, इस दौरान उन्होंने विष्णुपद मंदिर में पूजा-अर्चना की थी.
भाजपा नेताओं ने परिसर में एक नोटिस बोर्ड का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि ‘केवल सनातन धर्म के अनुयायियों' को मंदिर में प्रवेश की अनुमति होगी.