- BJP सांसद राजीव प्रताप रूडी ने NDTV से खास बातचीत में कहा कि यह अगड़ी जातियों के एकजुट होने का समय है.
- रूडी बिहार में सांगा यात्रा निकाल रहे हैं. उनका कहना है कि यह यात्रा अगड़ी जातियों को एकजुट करने का प्रयास है.
- उन्होंने प्रशांत किशोर को मुख्यधारा के राजनीतिक खिलाड़ी न मानते हुए पहले राजनीति में उतरने को कहा.
Bihar Politics: "यह अगड़ी जातियों के एकजुट होने का समय है. आप राजपूत को यह कह कर नजरअंदाज नहीं कर सकते कि इनकी संख्या तो मात्र 3.5 प्रतिशत है." उक्त बातें सोमवार को BJP सांसद राजीव प्रताप रूडी (Rajiv Pratap Rudy ) ने NDTV से हुई खास बातचीत के दौरान कही. सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी ने आगे कहा कि राजपूतों और अन्य अगड़ी जातियों को अपनी ताकत पहचाननी होगी और उन्हें अपना हक देना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि मैं उनकी आवाज बन गया हूं, क्योंकि उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है.
मेरी सांगा यात्रा अगड़ी जातियों को एकजुट करने का प्रयासः रूडी
NDTV से हुई खास बातचीत में राजीव प्रताप रूडी ने आगे कहा, "मेरी 'सांगा यात्रा' बिहार में राजपूतों सहित सभी जातियों को एकजुट करने का एक प्रयास है." मालूम हो कि राजीव प्रताप रूडी इन दिनों बिहार में सांगा यात्रा निकाल रहे हैं. जिसके जरिए वो अलग-अलग क्षेत्र में लोगों से मिल रहे हैं.
आरा में सांगा यात्रा में राजीव प्रताप रूडी.
मैं BJP का समर्पित कार्यकर्ता, लेकिन अभी मेरे पास समयः रूडी
राजीव प्रताप रूडी ने आगे कहा कि मैं BJP का एक समर्पित कार्यकर्ता हूं और BJP नेतृत्व ने मुझे नजरअंदाज नहीं किया है. चूंकि मुझे केंद्र में कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली है, इसलिए मुझे अपनी स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करने के लिए ज्यादा समय मिल रहा है.
पीके पर कहा- उन्हें पहले खुद राजनीति में उतरना होगा
रूडी ने आगे कहा कि मैं शायद अकेला नेता हूं, जिसने लालू के परिवार के सभी सदस्यों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है. प्रशांत किशोर से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर मुख्यधारा के राजनीतिक खिलाड़ी नहीं हैं. उन्हें पहले राजनीति में उतरना होगा, खुद को साबित करना होगा, उसके बाद ही वे दूसरों पर आरोप लगाना शुरू कर सकते हैं.
क्या बिहार में राजपूत नेता नाराज हैं?
बिहार में चुनाव से पहले राजीव प्रताप रूडी के इस बयान के कई सियासी मायने हैं. बिहार में BJP के राजपूत नेता अपनी ही पार्टी के नाखुश बताए जा रहे हैं. इसकी बानगी बीते दिनों पूर्व सांसद आरके सिंह के बागी तेवरों में भी देखने को मिली थी. आरके सिंह ने प्रशांत किशोर के आरोपों पर अपनी ही सरकार के नेताओं और मंत्रियों को घेरा था.
आनंद मोहन, आरके सिंह और रूडी ने छेड़ा अगड़ी जातियों का राग
आरके सिंह ने तब यह भी कहा था कि भीतरघात के कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा. उन्होंने अपने समाज के लोगों को एकजुट होने के बात भी कही. आरके सिंह राजपूत जाति से आते हैं. उनके बाद अब बिहार में बीजेपी के दूसरे बड़े राजपूत नेता राजीव प्रताप रूडी ने भी अगड़ी जातियों के एकजुट होने की वकालत की है.
इससे पहले पूर्व सासंद आनंद मोहन ने भी कहा था कि सिंहासन पर कौन बैठेगा, यह 'भूरा बाल' तय करेगा. आनंद मोहन बिहार में राजपूतों के बड़े नेता हैं. आनंद मोहन का परिवार जदयू में हैं. उनकी पत्नी लवली आनंद शिवहर से जदयू की सांसद हैं.
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