लौकहा विधानसभा सीट: कर्नाट वंश की धरती पर JDU से सतीश शाह मैदान में, समझें समीकरण

Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को मतदान होना है. वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी. मधुबनी जिले की लौकहा विधानसभा सीट का समीकरण क्या हैं, समझें इस रिपोर्ट में.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
लौकहा विधानसभा सीट के जदयू प्रत्याशी सतीश कुमार शाह ने 18 अक्टूबर को नामांकन भरा है.
मधुबनी:

Laukha Vidhan Sabha Seat Profile: बिहार में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. सभी दलों के नेता चुनावी मैदान में ताल ठोंक रहे हैं. नामांकन के साथ-साथ प्रचार अभियान जारी है. मधुबनी जिले की लौकहा विधानसभा सीट से इस बार जदयू की ओर से सतीश कुमार शाह चुनावी मैदान में हैं. उन्होंने शनिवार को अपना नामांकन दाखिल किया है. यहां से पूर्व मंत्री लक्ष्मेश्वर राय की भी जदयू के टिकट दावेदारों में शामिल थे. लेकिन पार्टी ने पूर्व विधायक सतीश साह पर दांव ठोंका है. सतीश ने शनिवार 18 नवंबर को नामांकन दाखिल किया है. इस सीट का इतिहास क्या है, समीकरण क्या है, समझें.

नेपाल से सटा लौकहा, कर्नाट राजवंश से जुड़ता है

नेपाल से सटा बिहार का लौकहा इलाका ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से बेहद खास माना जाता है. मधुबनी जिले की लौकहा विधानसभा सीट न सिर्फ मिथिला की समृद्ध विरासत की गवाही देती है, बल्कि कर्नाट राजवंश की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से भी जुड़ी हुई है.

नान्यदेव के समय नेपाल की तराई तक फैला था क्षेत्र

कर्नाट वंश के शासक नान्यदेव के शासनकाल से यह इलाका नेपाल के तराई क्षेत्रों तक फैला हुआ था, जब तक कि ब्रिटिश काल में तिरहुत के कुछ हिस्से नेपाल को नहीं सौंप दिए गए. यही वजह है कि आज भी नेपाल के ठाढ़ी शहर से निकटता इस क्षेत्र की सांस्कृतिक बनावट में साफ झलकती है.

भुतही बलान नदी के किनारे स्थित है लौकहा

लौकहा का भूभाग उत्तर बिहार की तरह ही समतल, उपजाऊ और बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है. पास से बहने वाली भुतही बलान नदी छठ जैसे पर्वों पर श्रद्धालुओं का प्रमुख आकर्षण रहती है. परिवहन के लिहाज से यह क्षेत्र राष्ट्रीय राजमार्ग 57 के जरिए खुटौना और फुलपरास से जुड़ा हुआ है.

लौकहा बाजार नेपाल बॉर्डर से सटा अंतिम रेलवे स्टेशन

लौकहा में लौकहा बाजार रेलवे स्टेशन है, जो नेपाल बॉर्डर से सटा अंतिम रेलवे स्टेशन भी है. इसका दूसरा निकटतम रेलवे स्टेशन जयनगर है, जो 35 किमी दूर है. लौकहा भारत-नेपाल सीमा के पास है, जिसका राज्य राजमार्ग 51 (खुटौना-लौकाहा रोड) का एक विस्तार इसे नेपाल के कई शहरों से जोड़ता है.

लौकहा में 5.85 लाख से अधिक वोटर

2024 के प्रोजेक्टेड जनसंख्या आंकड़ों के अनुसार, लौकहा की कुल आबादी 5.85 लाख से अधिक है, जिसमें 3 लाख पुरुष और 2.84 लाख महिलाएं शामिल हैं. 2024 की वोटर लिस्ट के मुताबिक, यहां कुल 3 लाख 35 हजार 3 सो 8 मतदाता हैं, जिनमें 1.7704 लाख पुरुष, 1.58297 लाख महिलाएं और 7 थर्ड जेंडर शामिल हैं.

Advertisement

मुस्लिम और यादव वोटर निर्णायक

राजनीतिक समीकरणों की बात करें तो लौकहा में मुस्लिम और यादव मतदाता निर्णायक भूमिका में रहते हैं. यहां मुस्लिम वोटर लगभग 16 परसेंट है. वही यादव लगभग 18 परसेंट है. बनिया समाज के 12 परसेंट वोटर है. इनके अलावा ब्राह्मण, पासवान और रविदास समुदाय के मतदाता भी बड़ी संख्या में हैं.

2015 में जदयू तो 2020 में राजद ने हासिल की जीत

चुनावी आंकड़ों की बात करें तो पिछले दो विधानसभा चुनावों में यहां सियासी पेंडुलम झूलता रहा है. साल 2015 में जेडीयू के लक्ष्मेश्वर राय ने जीत हासिल की थी, वहीं 2020 में यह सीट राजद के भारत भूषण मंडल के खाते में गई जहां भरत भूषण मंडल महज 9471 वोट से चुनाव जीते थे.

इस बार कांटे का हो सकता है मुकाबला

पिछले विधानसभा की बात करे तो जदयू को चिराग पासवान की लोजपा ने चुनाव हराया था. लोजपा आर का उम्मीदवार प्रमोद कुमार प्रियदर्शी ने 30393 वोट हासिल किया था. लेकिन इस बार चुनावी परिदृश कुछ और है , चिराग एनडीए के साथ है . ऐसे में 2025 का मुकाबला बेहद दिलचस्प और कांटे का माना जा रहा है.

Advertisement

(मधुबनी से प्रशांत झा की रिपोर्ट)

Featured Video Of The Day
Bihar Elections 2025: महागठबंधन में सीटों पर मार तो NDA ने खेला दिया बड़ा दांव! | Syed Suhail