कांटी सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष का इतिहास, अब राजद बनाम भाजपा में कौन पड़ेगा भारी?

कांटी विधानसभा का चुनावी इतिहास काफी दिलचस्प रहा है. 2020 के विधानसभा चुनाव में, राजद उम्मीदवार इसराइल मंसूरी ने 64,458 वोट हासिल कर जदयू के मो. जमाल (25,891 वोट) को 38,567 वोटों के बड़े अंतर से हराया था

विज्ञापन
Read Time: 2 mins

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की कांटी विधानसभा (क्रम संख्या 95) राजनीतिक और औद्योगिक, दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण है. इस क्षेत्र की प्रमुख पहचान कांटी थर्मल पावर प्लांट और छिन्मस्तिका मंदिर है. स्थानीय जनता की मुख्य समस्या और मांग थर्मल पावर प्लांट से निकलने वाली राख (छाई) से निजात पाना और ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराना है. 2020 की वोटर लिस्ट के अनुसार, यहाँ 3,09,654 मतदाता हैं, जिनमें यादव, कुर्मी, राजपूत और कोइरी की अच्छी खासी संख्या है, जबकि भूमिहार, मुस्लिम और पासवान मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं.

कांटी विधानसभा का चुनावी इतिहास काफी दिलचस्प रहा है. 2020 के विधानसभा चुनाव में, राजद उम्मीदवार इसराइल मंसूरी ने 64,458 वोट हासिल कर जदयू के मो. जमाल (25,891 वोट) को 38,567 वोटों के बड़े अंतर से हराया था. इस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार और पूर्व मंत्री अजीत कुमार को भी 54,144 वोट मिले थे. इससे पहले, 2015 के चुनाव में, निर्दलीय उम्मीदवार अशोक कुमार चौधरी ने 58,111 वोट पाकर हम पार्टी के अजीत कुमार (48,836 वोट) को 9,275 वोटों के अंतर से हराया था. अगले चुनाव में, प्रमुख दावेदारों में राजद से इसराइल मंसूरी और भाजपा से पूर्व मंत्री अजीत कुमार के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है.

जिले की बात करें तो मुजफ्फरपुर जिले की सीटवार स्थिति मिली-जुली है. कांटी के अलावा, गायघाट, मीनापुर और बोचहा सीटों पर राजद का कब्जा है. सकरा विधानसभा में जदयू का वर्चस्व है, जबकि कुढ़नी, औराई, बरूराज, साहेबगंज और पारू सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी. मुजफ्फरपुर नगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस का प्रतिनिधित्व है.

Featured Video Of The Day
Diwali 2025: दीपावली में दिव्य अयोध्या हुई भव्य! जानें कैसा है माहौल? | Ayodhya Deepotsav | CM Yogi