बिहार में निष्पक्ष चुनाव के लिए EC तैयार, मौन अवधि में चुनावी सामग्री और एग्जिट पोल के प्रदर्शन पर रोक

Bihar Election: चुनाव अभियान में किसी भी उल्लंघन की शिकायतों पर 100 मिनट के अंदर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए पूरे बिहार में 824 उड़न दस्ते तैनात किए गए हैं.

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चुनाव आयोग बिहार में निष्पक्ष चुनाव के लिए तैयार.
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  • बिहार चुनाव और उपचुनाव 2025 में चुनाव आयोग स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहा है.
  • मतदान के समापन से 48 घंटे की मौन अवधि में मीडिया द्वारा चुनावी सामग्री प्रसारित करने पर पूर्ण रोक रहेगी.
  • Representation of the People Act की धारा 126 के उल्लंघन पर दो वर्ष तक कैद या जुर्माने का प्रावधान लागू होगा.
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नई दिल्ली:

बिहार चुनाव और उपचुनाव 2025 के दौरान चुनाव आयोग स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने और सभी राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों के लिए समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए कई स्तर पर जरूरी कदम उठा रहा है. इस दिशा में मतदाताओं को गलत तरीके से प्रभावित करने की कोशिशों पर भी नकेल कसने की कवायद तेज़ हो गयी है.

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मीडिया के जरिए चुनावी सामग्री प्रदर्शित करने पर रोक

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 (Representation of the People Act, 1951) की धारा 126 (1) (बी), चुनाव के लिए मतदान के समापन के वास्ते निर्धारित समय के साथ समाप्त होने वाले अड़तालीस घंटे (मौन अवधि) की अवधि के दौरान, अन्य बातों के साथ-साथ, मीडिया के माध्यम से किसी भी चुनावी सामग्री को प्रदर्शित करने पर रोक लगाती है.

इस कानूनी प्रावधान को लागू करने के लिए चुनाव आयोग ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा, "आयोग पुनः दोहराता है कि टीवी/रेडियो चैनलों और केबल नेटवर्कों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उपरोक्त धारा में निर्दिष्ट 48 घंटों की अवधि के दौरान उनके द्वारा प्रसारित/प्रदर्शित कार्यक्रमों की विषय-वस्तु में पैनलिस्टों/प्रतिभागियों के विचार/अपील सहित ऐसी कोई सामग्री शामिल न हो जिसे किसी विशेष पार्टी या उम्मीदवार (या उम्मीदवारों) की संभावनाओं को बढ़ावा देने/पूर्वाग्रहित करने या चुनाव के परिणाम को प्रभावित करने वाला माना जाए।. इसमें किसी भी जनमत सर्वेक्षण का प्रदर्शन भी शामिल है".

नियम तोड़ने पर हो सकती है 2 साल की सजा

जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 का उल्लंघन करने पर कानून में दो वर्ष तक के कारावास या जुर्माने या दोनों से दंडित करने का प्रावधान है. आयोग ने सभी मीडिया समूहों को आगाह किया कि वे निर्देशों का गंभीरता से पालन करें.

चुनाव आयोग के आदेश में कहा गया है कि, "आयोग ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126ए के अंतर्गत अधिसूचित किया है कि 6 नवंबर, 2025 (गुरुवार) को सुबह 7:00 बजे से 11 नवंबर, 2025 (मंगलवार) को शाम 6:30 बजे तक प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से एग्जिट पोल और उनके परिणामों का प्रसार प्रतिबंधित रहेगा".

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बिहार चुनाव में मतदान 6 नवंबर, 2025 और 11 नवंबर, 2025 को दो चरणों में होगा. इससे पहले आयोग बिहार में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) के निर्देशों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश जारी कर चुकी है.

बिहार में 824 उड़न दस्ते तैनात

चुनाव अभियान में किसी भी उल्लंघन की शिकायतों पर 100 मिनट के अंदर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए पूरे बिहार में 824 उड़न दस्ते तैनात किए गए हैं. शिकायत दर्ज़ कराने के लिए जागरूक नागरिक/राजनीतिक दल आयोग के ईसीआईनेट (ECINET) पर सी-विजिल ऐप ( C-Vigil App) का उपयोग करके आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) के उल्लंघनों को रिपोर्ट करा सकते हैं.

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आयोग ने एक शिकायत निगरानी प्रणाली भी स्थापित की है, जिसमें 1950 नंबर वाला एक कॉल सेंटर शामिल है. इसके माध्यम से कोई भी आम नागरिक या राजनीतिक दल संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी/क्षेत्रीय निर्वाचन अधिकारी के पास अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है. यह प्रणाली 24X7 घंटे उपलब्ध है.

8 विधानसभा क्षेत्रों में पर्यवेक्षक नियुक्त

चुनाव आयोग बिहार में चुनाव और 8 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनावों की बारीकी से निगरानी करने के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त भी कर चुका है. आयोग ने बिहार विधान सभा चुनाव 2025 के पहले चरण के लिए 121 सामान्य पर्यवेक्षकों (General Observers) और 18 पुलिस पर्यवेक्षकों तथा दूसरे चरण के लिए 20 पुलिस पर्यवेक्षकों के साथ-साथ 122 सामान्य पर्यवेक्षकों (General Observers) को पहले ही तैनात कर दिया है. 8 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनावों की निगरानी के लिए भी 8 सामान्य और 8 पुलिस पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया है.

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