बोचहा विधानसभा का अस्थिर चुनावी इतिहास: 2020 में VIP तो 2022 में राजद का कब्जा, इस बार किसका चलेगा जादू?

संपूर्ण मुजफ्फरपुर जिले की सीटवार स्थिति मिली-जुली है. बोचहा के साथ-साथ कांटी, गायघाट और मीनापुर सीटों पर राजद का कब्जा है. सकरा विधानसभा में जदयू का वर्चस्व है, जबकि कुढ़नी, औराई, बरूराज, साहेबगंज और पारू सीटें भाजपा के खाते में हैं. मुजफ्फरपुर नगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस का प्रतिनिधित्व है.

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बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की बोचहा विधानसभा का एक हिस्सा शहरी क्षेत्र से भी सटा हुआ है. इस क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे गंडक नदी पर पुल का निर्माण, सब्जी किसानों के लिए बेहतर बाजार की व्यवस्था करना, और बदहाल ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराना है.

इसके अलावा, स्थानीय युवाओं की एक प्रमुख मांग बच्चों के खेलने के लिए स्टेडियम का निर्माण न होना भी है. 2020 की वोटर लिस्ट के अनुसार, इस विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 54 हजार 247 मतदाता हैं. यहाँ यादव, पासवान, सहनी और मुस्लिम मतदाता अहम भूमिका में हैं, जबकि भूमिहार, कुर्मी और कुशवाहा मतदाताओं की संख्या भी महत्वपूर्ण है.

बोचहा सीट का हालिया चुनावी इतिहास अस्थिर रहा है. 2022 के उपचुनाव में, राजद के अमर पासवान ने भाजपा की बेबी कुमारी को 36,653 वोटों के बड़े अंतर से हराकर जीत हासिल की थी. अमर पासवान को 82,562 वोट मिले, जबकि भाजपा की बेबी कुमारी को 45,909 वोट मिले थे. तीसरे स्थान पर वीआईपी पार्टी से गीता कुमारी (29,279 वोट) थीं. इससे पहले, 2020 के आम चुनाव में, वीआईपी उम्मीदवार मुसाफिर पासवान ने राजद के रमई राम को 11,268 वोटों से हराया था. अगले चुनाव में, राजद से अमर पासवान और भाजपा से बेबी कुमारी के बीच सीधी टक्कर होने की संभावना है.

संपूर्ण मुजफ्फरपुर जिले की सीटवार स्थिति मिली-जुली है. बोचहा के साथ-साथ कांटी, गायघाट और मीनापुर सीटों पर राजद का कब्जा है. सकरा विधानसभा में जदयू का वर्चस्व है, जबकि कुढ़नी, औराई, बरूराज, साहेबगंज और पारू सीटें भाजपा के खाते में हैं. मुजफ्फरपुर नगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस का प्रतिनिधित्व है.

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