- बिहार के चुनाव में तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के बीच मनमुटाव राजनीतिक नुकसान का कारण बना है.
- तेजस्वी यादव राघोपुर सीट से बीजेपी के सतीश कुमार राय से तीन हजार से अधिक वोटों से पीछे चल रहे हैं.
- तेजप्रताप यादव महुआ विधानसभा सीट पर चौथे नंबर पर हैं और मुकाबले से लगभग बाहर हो चुके हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के बीच चल रहे मनमुटाव ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरीं. इस सबके बीच, महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया था. राजद सुप्रीमो लालू यादव और मां राबड़ी देवी के गढ़ मानी जाने वाली राघोपुर विधानसभा सीट पर तेजस्वी यादव को कड़ी टक्कर मिल रही है. मतगणना के रुझानों में वह कभी आगे तो कभी पीछे हो रहे हैं. इस सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार सतीश कुमार उन्हें कड़ा मुकाबला दे रहे हैं, जिससे राघोपुर सीट का परिणाम अंत तक रोमांचक बना रहने की उम्मीद है.
वहीं, घर छोड़ने के बाद जनशक्ति जनता दल बनाने वाले तेजस्वी के बड़े भाई तेजप्रताप यादव भी महुआ सीट से पीछे चल रहे हैं. बिहार में पुरानी कहावत है घर फूटने पर विरोधियों को मौका मिलता है और वो इसका फायदा उठाते हैं. बिहार में भी कुछ ऐसा ही दिखा है. तेजप्रताप यादव और तेजस्वी की आपसी लड़ाई उनपर भारी पड़ती दिख रही है.
महुआ में चौथे नंबर पर तेजप्रताप
महुआ विधानसभा सीट पर जोर-शोर से प्रचार करने वाले तेजप्रताप यादव तो यहां चौथे नंबर पर चले गए हैं. इस सीट से एलजेपी (R) के संजय कुमार सिंह 5 हजार से ज्यादा वोटों से आगे हैं जबकि दूसरे नंबर पर आरजेडी के मुकेश रौशन हैं. तीसरे नंबर पर AIMIM के अमित कुमार हैं जिनको 5 हजार से ज्यादा वोट मिला है. इस सीट पर 26 राउंड की गिनती होनी है और अभी तक 5 राउंड की गिनती पूरी हो चुकी है. लेकिन तेजप्रताप को यहां 5 राउंड में महज 3172 वोट ही मिले हैं. यानी वो इस सीट पर करीब-करीब मुकाबले से बाहर हो गए हैं.













