- बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार नीतीश कुमार की बड़ी अग्निपरीक्षा होने वाली है
- बिहार में इस बार दो चरणों में चुनाव होंगे, तेजस्वी और प्रशांत ने राज्य में भ्रष्टाचार का मुद्दा जमकर उठाया है
- बिहार चुनाव में नीतीश के लिए महिला वोटर एक बार फिर से एक्स फैक्टर साबित हो सकती हैं
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो चुका है. राज्य में दो चरणों में वोटिंग होनी है. पहले चरण में 6 नवंबर को 121 सीटों पर वोट पड़ेंगे जबकि दूसरे चरण में 122 सीटों पर 11 नवंबर को वोटिंग होगी. चुनाव की घोषणा होते ही इस बार राज्य की राजनीति में वोटर्स किस करवट जाएंगे इसपर भी कयास लगने शुरू हो चुके हैं.सभी दलों ने चुनाव से पहले ही पूरा जोर लगा रखा था. इस बार के चुनाव में कौन से मुद्दे अहम बनने वाले हैं, ये देखना चिलचस्प होगा. आइए समझने की कोशिश करते हैं कि किन-किन मुद्दों का राज्य की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा।
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बेरोजगारी
2020 के विधानसभा चुनाव की तरह ही इस बार के चुनाव में भी बेरोजगारी एक बड़ा और लोकप्रिय मुद्दा है. बेरोजगारी के कारण मौजूदा एनडीए सरकार को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. इस मुद्दे पर सत्ता के खिलाफ लोग मुखर हैं. खासतौर पर युवा तबका. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर पिछले काफी वक्त से इसको प्रमुखता से उठा रहे हैं. दोनों नेताओं के एजेंडे में ये नंबर वन मुद्दा है.
पलायन
बिहार में पलायन से बरसों से चला आ रहा मुद्दा है. राज्य में नौकरियों की कमी के कारण यहां लोग कमाई के लिए दूसरे राज्यों की तरफ रुख करते हैं. बिहारी लोग रोजगार की तलाश में दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र जैसे राज्यों के अलावा मेट्रो शहर का रुख करते हैं. इस बार के चुनाव में भी ये मुद्दा काफी अहम रहने वाला है. प्रशांत किशोर ने अपनी रैलियों में इसे प्रमुखता से उठाया है.
भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार का मुद्दा आम लोगों के रोज के काम से जुड़ा है. इस बार भी सभी विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरा है. जन सुराज नेता प्रशांत किशोर ने राजनेताओं और नौकरशारी के भ्रष्टाचार का मुद्दा जोर-शोर से उठाया है. उन्होंने राज्य के डेप्युटी सीएम और अन्य एनडीए नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. इसके अलावा प्रशांत किशोर ने शराब माफिया और बालू माफिया को भ्रष्टाचार का जड़ भी बताया है.
S.I.R.
बिहार में पहली बार विशेष गहन पुनरीक्षण (S.I.R.) काम को चुनाव आयोग ने अंजाम दिया. ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया था. इसके बाद शीर्ष अदालत ने इसमें कुछ बदलाव के आदेश दिए थे. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने S.I.R. को वोट चोरी से जोड़ा था. हालांकि, चुनाव आयोग ने बिहार चुनाव से पहले S.I.R. के बाद वोटर लिस्ट जारी कर दिया है.
महिला वोटर
महिला वोटर पिछले करीब 20 साल से नीतीश कुमार के साथ मजबूती से जुड़ी हुई हैं. 2020 के चुनाव में भी महिलाओं ने जमकर नीतीश के पक्ष में वोटिंग की थी. जब महिला वोटर्स की बात होती है तो नीतीश कुमार तेजस्वी यादव पर भारी पड़ते हैं. महिला वोटर का फायदा नीतीश कुमार को मिलता रहा है. इसे प्रो- इनकंबेंसी की तरह देखा जा रहा है. युवाओं में जो सत्ता विरोधी लहर चल रही होती है, उसे महिला वोटर अपनी वोटर की ताकत से बदल देती हैं.
शिक्षा का गिरता स्तर
राज्य में शिक्षा का गिरता स्तर एक बड़ा मुद्दा है. स्कूल, कॉलेज तो बहुत बने हैं लेकिन वहां गुणवत्ता की कमी है. राज्य में प्रश्नपत्रों का लीक होना आम है. ऐसे में युवा इस मुद्दे को लेकर आवाज उठाते रहे हैं. सरकार को इन मद्दों की काट ढूंढना होगा.
घुसपैठिया
भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव से पहले घुसपैठियों का मुद्दा जोर-शोर से उठाया है. बीजेपी के नेता अभी भी इस मुद्दे को लगातार उठा रहे हैं. खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को रैलियों में उठाया है. सीमांचल इलाके में घुसपैठ का मुद्दा एक गंभीर मुद्दा है.