बिहार कांग्रेस ने 6 साल के लिए 7 नेताओं को किया निष्‍कासित, पार्टी की प्रतिष्‍ठा को क्षति पहुंचाने का आरोप

कांग्रेस के जिन पांच लोगों को निष्कासित किया गया है, उनमें कांग्रेस सेवा दल के पूर्व उपाध्यक्ष आदित्य पासवान, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष शकीलुर रहमान, किसान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राज कुमार शर्मा और प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राज कुमार राजन शामिल हैं.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • बिहार कांग्रेस की अनुशासन समिति ने 7 नेताओं को 6 वर्ष के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया है.
  • अनुशासन समिति के अनुसार, नेताओं ने पार्टी के मूल सिद्धांतों और संगठनात्मक मर्यादा का उल्लंघन किया है.
  • समति के अनुसार, निष्कासित नेताओं ने पार्टी के निर्णयों के विरुद्ध लगातार अवांछित और भ्रामक बयान जारी किए हैं.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
पटना :

कांग्रेस पार्टी के मूल सिद्धांतों, अनुशासन और संगठनात्मक मर्यादा के प्रति शिथिल रवैया अपनाने तथा पार्टी-प्लेटफॉर्म के बाहर लगातार अवांछित और भ्रामक बयान जारी करने के आरोप में प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति ने सात नेताओं के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए सोमवार को छह वर्ष के लिए कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है. अनुशासन समिति के अध्यक्ष कपिलदेव प्रसाद यादव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि संबंधित नेताओं से प्राप्त स्पष्टीकरण समिति को संतोषजनक नहीं लगा. उनके कार्य पार्टी अनुशासन उल्लंघन के पांच मानकों में से तीन के अंतर्गत स्पष्ट रूप से आते हैं. 

कांग्रेस के जिन पांच लोगों को निष्कासित किया गया है, उनमें कांग्रेस सेवा दल के पूर्व उपाध्यक्ष आदित्य पासवान, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष शकीलुर रहमान, किसान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राज कुमार शर्मा, प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राज कुमार राजन, अति पिछड़ा विभाग के पूर्व अध्यक्ष कुंदन गुप्ता, बांका जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष कंचना कुमारी और नालंदा जिला के रवि गोल्डन शामिल हैं. 

पार्टी की प्रतिष्‍ठा को क्षति पहुंचाने का आरोप 

इन नेताओं पर आरोप है कि इन्होंने कांग्रेस के कार्यक्रमों और निर्णयों के विरुद्ध लगातार पार्टी मंचों से बाहर बयान दिए और सक्षम अधिकारियों के निर्देशों की जानबूझकर अवहेलना की. प्रिंट और सोशल मीडिया में टिकट खरीद-फरोख्त जैसे निराधार और भ्रामक आरोप लगाकर पार्टी की प्रतिष्ठा को गंभीर क्षति पहुंचाई. 

समिति ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन मुद्दों को उठाकर नेताओं ने दुष्प्रचार किया, उन पर पार्टी ने पूर्ण पारदर्शिता अपनाई थी. पर्यवेक्षकों की नियुक्ति, जनसंपर्क कार्यक्रम, प्रदेश चुनाव समिति की बैठकों तथा अखिल भारतीय चुनाव समिति द्वारा विस्तृत समीक्षा के बाद ही अधिकृत प्रत्याशियों की घोषणा की गई थी. 

समिति ने यह भी बताया कि केंद्रीय पर्यवेक्षक अविनाश पाण्डेय की सहमति से विधानसभा पर्यवेक्षक बनाए जाने के बाद भी इन नेताओं ने अनुशासनहीनता जारी रखी. 

Featured Video Of The Day
Dharmendra Health News: अभिनेता धर्मेंद्र की हालत नाजुक, पहुंच रहे हैं परिजन | BREAKING NEWS