Bihar ByPolls: गोपालगंज उपचुनाव में कांटे का मुकाबला होने के आसार, आमने-सामने BJP-RJD

आरजेडी के दावों पर पलटवार करते हुए बीजेपी की बिहार इकाई के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि गोपालगंज उनकी पार्टी का गढ़ रहा है और पार्टी 2005 से यह सीट जीतती आ रही है.

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गोपालगंज में आरजेडी व बीजेपी के अलावा बहुजन समाज पार्टी भी मुकाबले में है. (फाइल फोटो)
पटना:

बिहार में गोपालगंज विधानसभा सीट पर तीन नवंबर को होने वाले उपचुनाव में कड़ा मुकाबला होने के आसार हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस सीट को बरकरार रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. वहीं सत्ताधारी महागठबंधन का सबसे बड़ा घटक राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) बीजेपी को टक्कर देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू प्रसाद के गृह जिले की इस सीट पर वर्ष 2005 से बीजेपी का कब्जा है. बीजेपी ने इस बार कुसुम देवी को टिकट दिया है जो करीब डेढ़ दशक से इस सीट से जीतते रहे सुभाष सिंह की पत्नी हैं. सुभाष सिंह के निधन की वजह से सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है. आरजेडी ने मोहन गुप्ता को मैदान में उतारा है. गुप्ता को सात दलों के महागठबंधन का समर्थन हासिल है.

आरजेडी ने आरोप लगाया है कि कुसुम देवी को मैदान में उतारकर बीजेपी 'मतदाताओं की सहानुभूति' को भुनाने की कोशिश कर रही है. आरजेडी की बिहार ईकाई के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, ‘‘हमारा उम्मीदवार भारी अंतर से सीट जीतेगा. बीजेपी पूरी तरह बेनकाब हो चुकी है और उसके प्रत्याशी की जमानत राशि जब्त हो जाएगी.''

आरजेडी के दावों पर पलटवार करते हुए बीजेपी की बिहार इकाई के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि गोपालगंज उनकी पार्टी का गढ़ रहा है और पार्टी 2005 से यह सीट जीतती आ रही है. उन्होंने कहा, ‘‘सुभाष सिंह क्षेत्र के एक लोकप्रिय नेता थे. गोपालगंज की जनता उपचुनाव में महागठबंधन को मुंहतोड़ जवाब देगी और अपने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए हमारे उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करेगी.''

गोपालगंज के अलावा मोकामा में भी उपचुनाव होगा. दो महीने पहले राज्य में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद ये पहला उपचुनाव है. गोपालगंज में आरजेडी व बीजेपी के अलावा बहुजन समाज पार्टी भी मुकाबले में है जिसने इंदिरा यादव को टिकट दिया है. इंदिरा, लालू प्रसाद के साले अनिरुद्ध यादव उर्फ साधु यादव की पत्नी हैं.

वहीं, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के असलम मुखिया भी चुनावी दंगल में हैं. बिहार के मंत्री मोहम्मद इसराइल मंसूरी ने शुक्रवार को गोपालगंज में मुस्लिम बहुल इलाकों में महागठबंधन समर्थित आरजेडी के उम्मीदवार के लिए प्रचार करते हुए दावा किया, ‘‘तीन नवंबर को होने वाले इस उपचुनाव में आरजेडी के उम्मीदवार आराम से जीतेंगे. इस बार बीजेपी को अपमानजनक हार का सामना करना पड़ेगा क्योंकि अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाता आरजेडी उम्मीदवार को ही वोट देंगे. मतदाता जानते हैं कि एआईएमआईएम बीजेपी की ‘‘बी टीम'' है.''

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आरजेडी के दावे पर प्रतिक्रिया जताते हुए आनंद ने कहा कि महागठबंधन के दल मतदाताओं को भ्रमित करने के लिए अफवाह और दुष्प्रचार फैला रहे हैं. बिहार विधानसभा के 2020 के चुनाव में सुभाष सिंह ने साधु यादव को 36 हजार वोटों से हराकर इस सीट पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस के आसिफ गफूर 36 हजार वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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