- बिहार विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर बाहुबलियों का मुकाबला देखने को मिल रहा है
- वारिसलीगंज में बाहुबली अखिलेश सिंह की पत्नी अरूणा देवी और बाहुबली अशोक महतो की पत्नी अनिता महतो आमने सामने हैं
- नवादा विधानसभा में जदयू की विभा देवी और राजद के कौशल यादव के बीच बाहुबली परिवारों का मुकाबला है
चुनाव और बाहुबली एक दूसरे के पूरक हो गए हैं. दूसरे चरण में हुए 122 सीटों के चुनाव में आधे दर्जन से अधिक बाहुबली और उनके परिजन चुनाव मैदान में रहे, जिनका किस्मत ईवीएम में कैद हो गया है. मगध में बाहुबली अशोक महतो, अखिलेश सिंह, राजबल्लभ यादव, सुरेंद्र यादव, राजेन्द्र यादव, आनंद मोहन और बिंदी यादव के परिजन चुनाव मैदान में हैं. बाहुबलियों की सीटों पर वोट का प्रतिशत पहले के चुनाव से अधिक है. ऐसे में चर्चा होने लगी है कि इससे किससे फायदा और किसे नुकसान है.
बाहुबली अशोक महतो और अखिलेश सिंह की पत्नी आमने सामने
नवादा जिले के वारिसलीगंज विधानसभा क्षेत्र में दो बाहुबलियों की पत्नी आमने सामने हैं. पिछले चुनाव की तुलना में वारिसलीगंज में करीब दस प्रतिशत वोट प्रतिशत बढ़ा है. 2020 में 48.75 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2025 के चुनाव में 58.07 प्रतिशत मतदान हुआ है. यह वोट प्रतिशत की बढ़ोतरी किसे फायदा पहुंचाया है और किसे नुकसान चुनावी चर्चा का बड़ा विषय बना हुआ है. बता दें कि वारिसलीगंज में एक तरफ बीजेपी से बाहुबली अखिलेश सिंह की पत्नी अरूणा देवी चुनाव मैदान में हैं. दूसरी तरफ राजद से बाहुबली अशोक महतो की पत्नी अनिता महतो. अरूणा देवी निवर्तमान बीजेपी विधायक हैं. अरूणा चार दफा विधायक निर्वाचित हुई हैं. जबकि अनिता महतो पहली दफा विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं. 2024 में मुंगेर से लोकसभा चुनाव लड़ी थीं, लेकिन तब चुनाव हार गईं थी.
राजबल्लभ यादव और कौशल यादव की प्रतिष्ठा दांव पर
नवादा विधानसभा में भी दो बाहुबलियों के बीच मुकाबला है. नवादा विधानसभा में भी करीब चार प्रतिशत मतदान बढ़ा है. 2020 के चुनाव में 51.25 प्रतिशत मतदान हुआ था. जबकि 2025 में 55.09 प्रतिशत मतदान हुआ है. नवादा में एक तरफ, जदयू से बाहुबली और पूर्व मंत्री राजबल्लभ प्रसाद की पत्नी विभा देवी मैदान में हैं. दूसरी तरफ राजद से बाहुबली पूर्व विधायक कौशल यादव. राजबल्लभ यादव के सजायाप्ता हो जाने के कारण विभा देवी 2020 में पहली दफा विधानसभा चुनाव लड़ी थी, और निर्वाचित हुई थी.
इसके पहले नवादा सीट पर तीन दफा राजबल्लभ निर्वाचित हुए थे. दूसरी तरफ, कौशल यादव नवादा और गोविंदपुर से चार दफा विधायक निर्वाचित हुए थे. चुनाव की घोषणा से पहले कौशल यादव जदयू में थे, जबकि विभा देवी राजद में. लेकिन मौजूदा चुनाव में राजबल्लभ और कौशल का दल बदल गया है, लेकिन चेहरा पुराना है.
नीतू कुमारी और अनिल कुमार के बीच मुकाबला
हिसुआ विधानसभा क्षेत्र में भी दो बाहुबलियों का मुकाबला है. हिसुआ में भी आठ प्रतिशत मतदान बढ़ा है. 2020 में 50.45 प्रतिशत मतदान हुआ था. जबकि 2025 में 58.50 प्रतिशत मतदान हुआ है. हिसुआ में एक तरफ कांग्रेस से निवर्तमान विधायक नीतू कुमारी हैं. जबकि दूसरी तरफ बीजेपी से पूर्व विधायक अनिल कुमार मैदान में हैं. अनिल सिंह और नीतू परिवार का 45 सालों से कब्जा रहा है. हिसुआ सीट पर 1980 से फरवरी 2005 तक आदित्य सिंह निर्वाचित होते रहे हैं. जबकि अक्टूबर 2005 से 2015 तक अनिल सिंह. नीतू कुमारी पहली दफा 2020 में चुनाव जीती हैं. नीतू कुमारी पूर्व मंत्री आदित्य सिंह की पुत्रवधू हैं.
बेलागंज में सुरेंद्र यादव की प्रतिष्ठा दांव पर
गया जिले के बेलागंज में भी बाहुबलियों के परिजनों के बीच सीधा मुकाबला है. बेलागंज में भी 12 प्रतिशत वोट प्रतिशत बढ़ा है. 2020 के चुनाव में 61.37 प्रतिशत मतदान हुआ था. जबकि 2025 में 73.25 प्रतिशत मतदान हुआ है.
बेलागंज में एक तरफ जदयू की निवर्तमान विधायक मनोरमा देवी चुनाव मैदान में हैं. मनोरमा देवी बाहुबली बिंदी यादव की पत्नी हैं. दूसरी तरफ, राजद से बाहुबली पूर्व मंत्री सुरेंद्र यादव के पुत्र विश्वनाथ कुमार सिंह हैं. बेलागंज में सुरेंद्र प्रसाद यादव आठ दफा निर्वाचित हुए हैं. जबकि मनोरमा देवी 2024 के उपचुनाव में निर्वाचित हुई हैं.
अतरी में दांव पर राजेंद्र यादव की प्रतिष्ठा
गया जिले के अतरी में राजेंद्र यादव की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. अतरी में भी करीब 9 प्रतिशत मतदान में बढ़ोतरी हुई है. 2020 के चुनाव में 55.22 प्रतिशत मतदान हुआ था. जबकि 2025 में 64.04 प्रतिशत मतदान हुआ है. अतरी सीट पर एक तरफ राजद से विजयंती देवी है. विजयंती देवी बाहुबली पूर्व विधायक राजेन्द्र यादव और दिवंगत पूर्व विधायक कुंती देवी की बहू हैं. अतरी में राजेंद्र यादव के पुत्र अजय कुमार यादव निवर्तमान विधायक हैं. उनकी जगह राजेंद्र यादव की बहू मैदान में हैं. दूसरी तरफ, हम सेक्युलर से जहानाबाद के पूर्व सांसद अरूण कुमार के भतीजा रोमित कुमार को उतारा गया है. रोमित कुमार पहली दफा चुनाव लड़ रहे हैं. अतरी में तीन दफा राजेन्द्र यादव, दो दफा उनकी पत्नी कुंती देवी और एक दफा राजेंद्र यादव के पुत्र अजय यादव निर्वाचित हुए हैं.
आनंद मोहन की प्रतिष्ठा दांव पर
औरंगाबाद जिले में नवीनगर में बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन और सांसद लवली आनंद की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. नवीनगर सीट पर करीब 9 प्रतिशत अधिक मतदान हुआ है. 2020 में 57.86 प्रतिशत मतदान हुआ था. जबकि 2025 में 66.85 प्रतिशत मतदान हुआ है. नवीनगर सीट पर आनंद मोहन और लवली आनंद के पुत्र चेतन आनंद आनंद जदयू से उम्मीदवार है. चेतन आनंद 2020 में शिवहर से राजद से निर्वाचित हुए थे. लेकिन चुनाव के पहले जदयू में शामिल हुए, जिन्हें नवीनगर से उतारा गया है.
दूसरी तरफ, राजद ने आमोद चंद्रवंशी को उतारा है. वह चंद्रगढ़ पंचायत के मुखिया हैं. पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. राजद ने निवर्तमान विधायक डब्लू सिंह की जगह पर आमोद चंद्रवंशी को उतारा है. 1996 के उपचुनाव में बिहार पीपुल्स पार्टी से लवली आनंद निर्वाचित हुई थी. 2000 से नवीनगर सीट पर तीन दफा राजद, दो दफा जदयू और एक दफा एलजेपी निर्वाचित हुई है.
पहले चरण दर्जन भर से अधिक बाहुबली
पहले चरण में 6 नवंबर को हुए 121 सीटों के चुनाव में एक दर्जन से अधिक बाहुबली और उनके परिजनों का किस्मत ईवीएम में कैद हो चुका है. 2020 की तुलना में 2025 में अधिकतर बाहुबलियों की सीटों पर वोट प्रतिशत बढ़ा है. मोकामा से बाहुबली अनंत सिंह और बाहुबली सुरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी मैदान में रहे हैं. दानापुर में रीतलाल यादव, बाढ़ में लल्लू मुखिया, कुचायकोट में अमरेंद्र पांडेय, रघुनाथपुर में शहाबुददीन के पुत्र ओसामा, मांझी में प्रभुनाथ सिंह के पुत्र रंधीर सिंह और बनियापुर से प्रभुनाथ सिंह के भाई केदारनाथ सिंह के किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो चुका है.
यही नहीं, संदेश से बाहुबली अरूण यादव का बेटा दीपू यादव और बालू माफिया राधा चरण प्रत्याशी रहे हैं. मटिहानी से बोगो सिंह, एकमा से धूमल सिंह, लालगंज से मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला, शाहपुर से विश्वेश्वर ओझा के पुत्र राकेश ओझा, ब्रहमपुर से हुलास पांडेय और तरारी से सुनील पांडेय के पुत्र विशाल प्रशांत चुनाव मैदान में हैं.














