बिहार में सीट और कुर्सी पर तोल-मोल, कांग्रेस के खेमे में चल क्या रहा? जानिए अंदर की बात

महागठबंधन में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर वैसे तो कोई विवाद नहीं है, क्योंकि आरजेडी 125 से अधिक सीटों पर लड़ेगी. तो जाहिर है उन्हीं का नेता गठबंधन का नेतृत्व करेगा. ऐसे में तेजस्वी को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करना ही पड़ेगा.

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  • बिहार महागठबंधन में सीट बंटवारे की बातचीत अंतिम चरण में है और जल्द ही इसका ऐलान हो सकता है
  • वीआईपी पार्टी के नेता मुकेश सहनी उपमुख्यमंत्री पद की मांग कर रहे हैं, मुख्यमंत्री के साथ उनका नाम घोषित हो
  • कांग्रेस भी महागठबंधन की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उपमुख्यमंत्री पद चाहती है
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पटना:

बिहार महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर जो बातचीत चल रही है, वह अंतिम दौर में है. अगले एक-दो दिनों में इसकी घोषणा भी कर दी जाएगी. सबको यही उम्मीद है कि महागठबंधन में सीटों के तालमेल की घोषणा के साथ ही मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर तेजस्वी यादव के नाम की भी घोषणा कर दी जाएगी. लेकिन महागठबंधन के घटक दल वीआईपी पार्टी के नेता मुकेश सहनी इस बात पर अड़े हैं कि मुख्यमंत्री के साथ-साथ उपमुख्यमंत्री के तौर पर उनके नाम की भी घोषणा की जाए.

कांग्रेस भी चाहती है उपमुख्यमंत्री का पद!

अब इस बात से जाहिर है कि कांग्रेस अपने आप को असहज स्थिति में पा रही है. कांग्रेस को लगता है कि उनसे कम सीटें लड़ने वाला दल यदि अपने नेता के लिए उपमुख्यमंत्री पद के लिए दबाव बना रहा है तो कांग्रेस क्यों नहीं? कांग्रेस महागठबंधन की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है. पिछली बार कांग्रेस 70 सीटों पर लड़ी थी. इस बार वे इससे कम सीटों पर लड़ने के लिए तैयार हैं तो उनके दल से भी उपमुख्यमंत्री हो. ऐसे में कांग्रेस चाहती है कि उनके प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम के नाम की भी घोषणा उपमुख्यमंत्री के तौर पर हो.

तेजस्वी यादव आरजेडी के किसी मुस्लिम चेहरे को तीसरे उपमुख्यमंत्री के तौर पर जनता के सामने लाएं. वैसे भी बिहार में अभी भी दो उपमुख्यमंत्री हैं. कांग्रेस को लगता है बिहार में महागठबंधन को सबको साथ लेकर चलने की जरूरत है. यही वजह है कि राहुल गांधी ने पूरे वोटर अधिकार यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव के साथ-साथ माले के नेता दीपांकर भट्टाचार्य और कांग्रेस के बिहार अध्यक्ष जो कि दलित हैं अपने साथ जीप पर ही रखते थे. लेकिन इस बात की चर्चा जरूर रही कि कोई मुस्लिम नेता इनके साथ पूरे यात्रा में क्यों नहीं रहा?

हालांकि अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग नेताओं को राहुल गांधी ने जीप में या मंच पर जगह दी. कांग्रेस के पास अभी कोई ऐसा मुस्लिम चेहरा नहीं है जिसकी पूरे बिहार के मुस्लिम समाज में पकड़ हो. अब कांग्रेस चाहती है कि आरजेडी एक मुस्लिम चेहरे को उपमुख्यमंत्री घोषित करे.

इस बार 55 से 62 सीटों पर लड़ सकती है कांग्रेस

जहां तक महागठबंधन में सीट शेयरिंग की बात है वह काफी आगे बढ़ गई है. कांग्रेस अच्छी सीट यानी जीतने वाली सीट पर अड़ी है और अपने लिए एक उपमुख्यमंत्री भी चाहती है. कांग्रेस इस बार 70 सीट नहीं 55 से 62 सीटों पर तैयार हो जाएगी. माले जो पिछली बार 19 सीटें लड़ी थीं. इस बार 29 सीट चाहती है. माले का वोट बैंक संगठित रहता है और पूरे अधिकार यात्रा में वे मजबूती से राहुल गांधी के लिए खड़े रहे. 

महागठबंधन में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर वैसे तो कोई विवाद नहीं है, क्योंकि आरजेडी 125 से अधिक सीटों पर लड़ेगी. तो जाहिर है उन्हीं का नेता गठबंधन का नेतृत्व करेगा. ऐसे में तेजस्वी को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करना ही पड़ेगा, लेकिन कांग्रेस सीटों के बंटवारे तक इसे रोककर रखना चाहती है.

कुल मिलाकर यह तेजस्वी यादव पर है कि वे कैसे अपने इन घटक दलों की ख्वाहिशों को पूरा करके उनके बीच बेहतर तालमेल और सामंजस्य बैठाकर एक बेहतर गठबंधन तैयार कर सकें, जो एनडीए को टक्कर दे.

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