बैकुंठपुर विधानसभा सीट: विकास और पलायन के मुद्दे हावी, इस बार किसका होगा कब्जा?

1951 में आस्तित्व में आई इस विधानसभा सीट पर अब तक 18 बार चुनाव हो चुके हैं, जिनमें एक उपचुनाव भी शामिल है. शुरुआती वर्षों में यहां कांग्रेस का वर्चस्व रहा, जिसने पांच बार जीत हासिल की.

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  • गोपालगंज की बैकुंठपुर विधानसभा सीट में कृषि मुख्य आर्थिक स्त्रोत है, रोजगार की कमी के कारण यहां पलायन होता है
  • बैकुंठपुर सीट पर अब तक अठारह चुनाव हुए हैं, जिसमें कांग्रेस, राजद, जदयू, भाजपा सहित कई दलों ने जीत हासिल की
  • बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र में यादव, भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण, दलित और पिछड़ी जातियों की संख्या महत्वपूर्ण है
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पटना:

बिहार के गोपालगंज जिले की बैकुंठपुर विधानसभा सीट बिहार की राजनीति में एक बार फिर सुर्खियों में है. बदलता जनादेश और राजनीतिक उतार-चढ़ाव इस सीट की पहचान है. यह सीट गोपालगंज लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. इसमें बैकुंठपुर और सिधवलिया प्रखंडों के अलावा बरौली प्रखंड के रामपुर, सलेमपुर पूर्वी, सलेमपुर पश्चिमी, हसनपुर, सादौआ, पिपरा और खजुरिया पंचायत शामिल हैं.

बैकुंठपुर की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है. यहां धान, गेहूं और गन्ने की खेती होती है. रोजगार कम होने की वजह से बड़ी संख्या में लोग यहां से पलायन करते हैं. सड़क और शिक्षा के क्षेत्र में विकास की जरूरत आज भी महसूस की जाती है.

मतदाताओं ने यहां लगभग सभी दलों को दिया है मौका

1951 में आस्तित्व में आई इस विधानसभा सीट पर अब तक 18 बार चुनाव हो चुके हैं, जिनमें एक उपचुनाव भी शामिल है. शुरुआती वर्षों में यहां कांग्रेस का वर्चस्व रहा, जिसने पांच बार जीत हासिल की. इसके बाद राजद ने तीन बार. वहीं, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, जनता पार्टी, जनता दल और जदयू ने दो-दो बार जीत हासिल की. इसके अलावा, यहां से एक-एक बार भाजपा और निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है.

कब-कब कौन जीता, कौन हारा?

बैकुंठपुर सीट ने कई दिग्गजों को विधानसभा में भेजा है. ब्रज किशोर नारायण सिंह ने 1977 से 1990 तक लगातार चार बार जीत दर्ज की. इसके बाद, 1995 में लाल बाबू प्रसाद यादव (जनता दल) ने ब्रज किशोर को हराया. 2000 में मंजीत कुमार सिंह समता पार्टी से जीते और बाद में 2010 में जदयू के उम्मीदवार के रूप में भी विजयी हुए. 2005 में दो बार हुए चुनावों (फरवरी और अक्टूबर) में राजद के देवदत्त प्रसाद यादव ने जीत हासिल की. 2015 में भाजपा के मितलेश तिवारी ने जीत दर्ज कर राजद के गढ़ को धवस्त किया. हालांकि, 2020 में राजद के प्रेम शंकर प्रसाद ने भाजपा को हराकर सीट दोबारा अपने कब्जे में ले ली.

बैकुंठपुर विधानसभा का जातीय समीकरण

बैकुंठपुर का जातीय समीकरण मिश्रित है. यहां यादव, भूमिहार, राजपूत और ब्राह्मण समुदायों की अच्छी संख्या है. साथ ही, दलित और पिछड़ी जातियों की निर्णायक भूमिका भी रही है. यादवों के वोट राजद के पक्ष में जाते रहे हैं, जबकि सवर्ण मतदाता भाजपा-जदयू के साथ नजर आते हैं.

क्या है यहां का वोट गणित?

चुनाव आयोग के 2024 के आंकड़ों के अनुसार, बैकुंठपुर की कुल जनसंख्या 5,53,226 है, जिनमें 2,83,516 पुरुष और 2,69,710 महिलाएं हैं. वहीं, कुल मतदाताओं की संख्या 3,35,737 है. वोटर्स में 1,71,115 पुरुष, 1,64,611 महिलाएं और 11 थर्ड जेंडर शामिल हैं.

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