पटना साहिब सीट पर दिलचस्प मुकाबला, बीजेपी ने काटा सात बार के विधायक नंदकिशोर यादव का टिकट

बिहार चुनाव की जब भी बात होती है तो पटना साहिब सीट का नाम अपने आप ही सबसे पहले आ जाता है. इस सीट से नंदकिशोर यादव चुनाव लड़ने जा रहे हैं.

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पटना साहिब सीट पर चुनाव

बिहार की राजनीति में जब भी चर्चा होती है, तो पटना साहिब विधानसभा सीट का नाम खुद ही सामने आ जाता है. सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी की जन्मभूमि होने के कारण यह क्षेत्र धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. यही कारण है कि इस क्षेत्र का नाम शांति और आस्था का प्रतीक माना जाता है. पटना साहिब विधानसभा सीट पर चुनाव होने जा रहा है, ऐसे में इस सीट का पूरा समीकरण और इतिहास जानना जरूरी है. 

बीजेपी का अभेद किला

राजधानी पटना की ये सीट पूरी तरह शहरी सीट है, यहां बीजेपी की पकड़ पिछले कई दशकों से काफी मजबूत रही है. पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र का गठन साल 2008 में परिसीमन के बाद हुआ था और 2010 में यहां पहला चुनाव हुआ. इससे पहले यह क्षेत्र पटना ईस्ट के नाम से जाना जाता था. यह सीट पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है और यहां सभी मतदाता शहरी हैं.

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सीट पर नंदकिशोर यादव का है कब्जा

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बिहार विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष नंदकिशोर यादव इस सीट पर सात बार लगातार जीत दर्ज कर चुके हैं. यादव चार बार पटना ईस्ट से और तीन बार पटना साहिब से विधायक रहे हैं. अब नंदकिशोर यादव 72 साल के हो चुके हैं. यही वजह है कि उनका टिकट काट दिया गया है. 

ऐसे हैं चुनावी आंकड़े

1 जनवरी 2024 तक पटना साहिब में कुल 3,38,771 वोटर थे. चुनाव आयोग की तरफ से जल्द ही आंकड़ा जारी किया जाएगा. माना जा रहा है कि कुछ हजार वोटर बढ़ सकते हैं. 

पिछले दो चुनावों के नतीजे 

2015 - 

  • नंदकिशोर यादव (बीजेपी) – 88,108 वोट
  • संतोष मेहता (आरजेडी) – 85,316 वोट

2020 - 

  • नंदकिशोर यादव (बीजेपी) – 97,692 वोट
  • प्रवीन सिंह (कांग्रेस) – 79,392 वोट

ऐसा है जातीय समीकरण

  • वैश्य समुदाय के करीब 80,000 मतदाता यहां निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
  • कोइरी, कुर्मी और मुस्लिम मतदाता भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं.
  • यादव वोटर किसी भी चुनाव की दिशा बदलने की क्षमता रखते हैं.

इस सीट से कांग्रेस ने IIT-दिल्ली, IIM-कलकत्ता के पढ़े शशांत शेखर को अपना उम्मीदवार बनाया है, जिसके बाद मुकाबला काफी दिलचस्प हो चुका है. बीजेपी ने सात बार के विधायक नंदकिशोर यादव का टिकट काटकर रत्नेश कुशवाहा को मैदान में उतारा है. 

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