- बेलागंज विधानसभा क्षेत्र गया जिले में स्थित है और फल्गु नदी के किनारे बसा हुआ है.
- इस क्षेत्र की आबादी में अनुसूचित जातियों का प्रतिशत लगभग तीस और मुस्लिम मतदाताओं का पंद्रह प्रतिशत के करीब है.
- बेलागंज विधानसभा सीट पर अब तक 17 बार चुनाव हुए हैं जिनमें राजद ने सबसे अधिक 7 बार जीत हासिल की है.
Belaganj Assembly Seat: बिहार के गया जिले में स्थित बेलागंज विधानसभा क्षेत्र सिर्फ राजनीतिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है. यह मगध क्षेत्र का हिस्सा है और गया शहर से करीब 25 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में फल्गु नदी के किनारे बसा हुआ है. बेलागंज विधानसभा सीट पर इस बार की लड़ाई काफी दिलचस्प होने वाली है. एक तरफ राजद (राष्ट्रीय जनता दल) अपने पुराने गढ़ को बचाने की कोशिश में है, तो दूसरी ओर जदयू अपनी उपचुनाव जीत को स्थायी बनाना चाहती है.
अनुसूचित जातियों की आबादी 29.59 प्रतिशत
बेलागंज की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है. खेती के अलावा यहां चावल मिल, मिट्टी के बर्तन और हस्तशिल्प जैसे लघु उद्योगों से भी लोगों का जीवनयापन होता है. सामाजिक दृष्टि से देखें तो यह एक सामान्य वर्ग की विधानसभा सीट है, लेकिन यहां अनुसूचित जातियों की आबादी 29.59 प्रतिशत और मुस्लिम मतदाता करीब 15.8 प्रतिशत हैं, जो चुनावी समीकरण में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
17 बार चुनाव हो चुके हैं
बेलागंज विधानसभा सीट की स्थापना 1962 में हुई थी, और यह गया लोकसभा क्षेत्र के छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. अब तक यहां 17 बार चुनाव हो चुके हैं, जिनमें दो उपचुनाव भी शामिल हैं. शुरुआती दशकों में यहां कांग्रेस का दबदबा था; पार्टी ने पांच बार यह सीट जीती. बाद के वर्षों में राजद (राष्ट्रीय जनता दल) ने अपनी पकड़ मजबूत की और सात बार यहां जीत दर्ज की. इसके अलावा, जनता दल ने दो बार, जबकि संयुक्त समाजवादी पार्टी, जनता पार्टी और जदयू ने एक-एक बार जीत हासिल की है.
2024 में बेलागंज में हुए उपचुनाव ने इस क्षेत्र की राजनीति को नया मोड़ दिया. राजद के दिग्गज नेता और लंबे समय से विधायक सुरेंद्र प्रसाद यादव जब जहानाबाद लोकसभा सीट से सांसद चुने गए, तो उनके इस्तीफे से यह सीट खाली हुई. इस उपचुनाव में जदयू की मनोरमा देवी ने निर्णायक जीत हासिल की, जिससे राजद की लगातार सात जीतों की श्रृंखला टूट गई.
दिलचस्प बात यह रही कि लोकसभा चुनाव में एनडीए के जीतन राम मांझी ने गया सीट जीती थी, लेकिन बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में राजद को मामूली वोटों की बढ़त मिली थी. इसके बावजूद उपचुनाव में जदयू की जीत ने संकेत दिया कि बेलागंज में एनडीए का प्रभाव बढ़ रहा है.
2025 के विधानसभा चुनावों में बेलागंज एक बार फिर राजद बनाम जदयू की सीधी लड़ाई का गवाह बनेगा. महागठबंधन की ओर से संभावना है कि सुरेंद्र यादव अपने बेटे को इस सीट से उम्मीदवार बनाएंगे, ताकि पारिवारिक पकड़ बरकरार रखी जा सके. दूसरी तरफ, एनडीए की ओर से मनोरमा देवी एक मजबूत दावेदार होंगी, जिन्होंने पिछले चुनाव में राजद के किले को ध्वस्त किया था.
मतदाताओं की जानकारी
चुनाव आयोग के 2024 के आंकड़ों के अनुसार, यहां की कुल जनसंख्या 5,79,595 है, जिसमें 2,47,158 पुरुष और 2,32,337 महिलाएं हैं. वहीं, मतदाताओं की बात करें तो 1,49,253 पुरुष मतदाता, 1,36,943 महिला मतदाता और 4 थर्ड जेंडर के मतदाता शामिल हैं.