बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के एक परीक्षा केंद्र पर शुक्रवार को हुई अफरा-तफरी के सीसीटीवी फुटेज में लोगों का एक बड़ा ग्रुप स्टोरेज एरिया में प्रश्नपत्र फाड़ते हुए और परीक्षा दे रहे उम्मीदवारों से पेपर छीनते हुए दिखाई दे रहा है. एक सीसीटीवी क्लिप में कुछ उम्मीदवार एक कमरे में भागते हुए दिखाई दे रहे हैं, इससे पहले वहां 40 से 45 मिनट की देरी से परेशान कुछ उम्मीदवारों से परीक्षा अधिकारी बात कर रहे थे.
अधिकारियों की ओर से दर्ज कराई गई पुलिस शिकायत में कहा गया है कि परीक्षा अधिकारियों ने उम्मीदवारों से कहा कि उन्हें देरी के कारण जो समय का नुकसान हुआ है, वह अतिरिक्त समय उन्हें मिलेगा.
हालांकि, भीड़ और अन्य अभ्यर्थी कमरे में घुस आए. उन्होंने अधिकारियों को धक्का देकर प्रश्नपत्रों वाले बक्सों पर हमला कर दिया.
कुछ ने प्रश्नपत्र फाड़ दिए, जबकि कुछ अन्य उन्हें लेकर भाग गए. सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि बाहर आकर उन्होंने हंगामे के कारण वहां जमा हुए लोगों को प्रश्नपत्र बांटे.
परीक्षा अधिकारियों ने पुलिस से शिकायत में कहा है कि, "प्रश्न पत्र के सीलबंद डिब्बे को उचित तरीके से खोलने के बाद प्रश्न पत्र और ओएमआर शीट के सीलबंद पैकेट को प्रत्येक ब्लॉक के अलग-अलग कमरों में उपलब्ध कराया गया. जब प्रश्न पत्र वितरित करने में 40-45 मिनट की देरी हुई, तो कुछ उम्मीदवारों ने हंगामा करना शुरू कर दिया, जबकि अधीक्षक और निरीक्षकों ने समझाया था कि देरी के लिए अतिरिक्त समय दिया जाएगा."
अधिकारियों ने शिकायत में कहा, "उम्मीदवारों ने जानना चाहा कि उनके कमरे में सीलबंद डिब्बा क्यों नहीं खोला गया. शोर सुनकर अन्य कमरों से कुछ छात्र भी आ गए और पुस्तिकाएं और उपस्थिति पत्रक छीनने और फाड़ने लगे."
उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों ने अफवाह फैलाई कि परीक्षा रद्द कर दी गई है. इसके बाद कई उम्मीदवार परीक्षा केंद्र के बाहर एकत्र हो गए.
पुलिस शिकायत में कहा गया है कि, "उनमें से एक अभ्यर्थी ने (स्टोरेज) ट्रंक से प्रश्नपत्रों का एक पैकेट लूट लिया, गेट तोड़ दिया और उसे हाथ में लहराते हुए एक ग्रुप के साथ बाहर चला गया. अभ्यर्थी कई कमरों में गए और उपस्थिति पत्रक तथा अन्य फॉर्म क्षतिग्रस्त कर दिए."
अधिकारियों ने कहा कि परीक्षा स्थल पर मौजूद मजिस्ट्रेट और पुलिस ने हालात को नियंत्रित किया और बाकी परीक्षा पूरी हुई. कुल 5,674 उम्मीदवारों ने परीक्षा पूरी की.
अधिकारियों ने बताया कि उम्मीदवारों की संख्या बहुत अधिक होने के कारण परीक्षा समय पर शुरू करना मुश्किल हो गया. उन्होंने बताया कि परीक्षा केंद्र की सभी पांच मंजिलें अभ्यर्थियों से भरी हुई थीं. स्थिति तब और बिगड़ गई जब कुछ अभ्यर्थियों ने अपने कमरे में सीलबंद बॉक्स न खोले जाने पर आपत्ति जताई और प्रश्नपत्रों के वितरण में बाधा डाली.
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