बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य भर में पुलिस की चौकसी बढ़ गई है. सीमा से सटे इलाकों के साथ-साथ अलग-अलग जिलों में चेक पोस्ट बनाकर आने-जाने वाली हर गाड़ियों की सघन जांच की जा रही है. इस चौकसी का नतीजा है कि राज्य में बीते कुछ माह में करोड़ों रुपए कैश के साथ-साथ शराब, हथियार, सोना-चांदी सहित अन्य संदिग्ध वस्तुएं जब्त की गई हैं. बीते तीन महीनों में राज्य के अलग-अलग जिलों से इतनी अधिक जब्ती हुई कि जब्तियों का आंकड़ा रिकॉर्ड तोड़ रहा है. जुलाई से अक्टूबर 2025 तक राज्य में लगभग 270 करोड़ रुपये की नकद और समान मूल्य की अवैध वस्तुएं जब्त की गईं.
सीमांचल, मगध और उत्तर बिहार के जिलों से अधिक जब्ती
पुलिस और आबकारी विभाग के आंकड़ों के अनुसार करीब 12 लाख लीटर अवैध शराब बरामद की गई. इसमें देसी और विदेशी दोनों तरह की शराब शामिल है. सबसे ज्यादा बरामदगी सीमांचल, मगध और उत्तर बिहार के जिलों में हुई — खासकर सीवान, गोपालगंज, भागलपुर, कटिहार और सासाराम में.
सीवान से 1.4 लाख लीटर शराब जब्त
सीवान में लगभग 1.4 लाख लीटर शराब जब्त हुई, जबकि भागलपुर और गोपालगंज क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे. कई जगह यह शराब झारखंड और उत्तर प्रदेश से लाई जा रही थी. सीमा चौकियों पर तैनात विशेष निगरानी दल ने अब तक लगभग 1,100 वाहनों को जब्त किया है, जो अवैध शराब या नकद ले जा रहे थे.
बीते 90 दिनों में 72 करोड़ रुपए कैश जब्त
नकद बरामदियों में भी इस बार भारी उछाल देखने को मिला. बीते 90 दिनों में विभिन्न जिलों से लगभग 72 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए. पटना, पूर्णिया और दरभंगा में सबसे ज्यादा नकद बरामद हुई. पटना जिले में एक ही दिन में 1.35 करोड़ रुपये बरामद किए गए, जो कथित तौर पर राजनीतिक दल के स्थानीय कार्यकर्ताओं से जुड़े वाहनों से मिले थे.
गोपालगंज के थावे थाना क्षेत्र के कविलाशपुर गांव में पुलिस ने देर रात एक गैस रिपेयरिंग करने वाले व्यक्ति के घर पर छापेमारी कर एक करोड़ कैश जब्त किया गया.
शराब की सप्लाई लगातार जारी
उल्लेखनीय हो कि राज्य में शराबबंदी लागू हुए 8 साल से ज्यादा समय हो चुके हैं, लेकिन चुनाव के दौरान शराब की सप्लाई लगातार जारी है. सिर्फ सितंबर 2025 में ही 3 लाख से ज्यादा बोतलें जब्त की गईं. राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि शराबबंदी कानून अब भी कई जिलों में “राजनीतिक हथियार” के रूप में इस्तेमाल हो रहा है.
सभी जिलों में विशेष निगरानी सेल
पुलिस मुख्यालय ने 38 जिलों में विशेष निगरानी सेल बनाए हैं. प्रत्येक जिले में दो नोडल अफसर तैनात हैं, जो नकद और शराब की हर जब्ती की रिपोर्ट प्रतिदिन आयोग को भेज रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी बड़ी जब्ती का सीधा असर चुनाव परिणामों पर पड़ेगा. पैसे और शराब के जरिए मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिशों पर रोक लगने से मुकाबला और भी “साफ-सुथरा” हो सकता है.
हालांकि विपक्ष का आरोप है कि यह कार्रवाई चुनाव से पहले कुछ “चयनित” जिलों में अधिक की जा रही है, जिससे सत्ता पक्ष को लाभ मिल सके.
हथियार, कैश और पदार्थ की बरामदगी
- अररिया में पुलिस और सीएपीएफ (CAPF) की टीम ने 1,125 लीटर विदेशी शराब के साथ-साथ 90 ग्रामस्मैक, 700 ग्राम गांज और एक पिस्टल बरामद की. इस मामले में 5 लोग गिरफ्तार हुए.
- पटना (दानापुर) में 'ऑपरेशन जखीरा' के तहत हथियार, नकद और 3 लीटर विदेशी शराब बरामद हुई. इस ऑपरेशन में पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया गया.
- जहानाबाद में सघन चेकिंग अभियान के दौरान 3.99 लाख रुपये नकद जब्त किए गए. यह बरामदगी चुनाव मेंधन के अवैध इस्तेमाल पर रोक लगाने के प्रयासों को दर्शाती है.
बिहार में चुनावी कार्रवाई का संक्षिप्त सारांश
- मोतिहारी 12/10/25- 20,000 लीटर जावा + 400 लीटर चुआई + 87.72 लीटर अंग्रेजी
- अररिया 14/10/25- 1,125 लीटर विदेशी शराब + स्मैक/गांजा
- रोहतास (बिक्रमगंज) 16/10/25- 631 लीटर अंग्रेजी + 771 लीटर देसी शराब
- दानापुर, पटना 15/10/25 ₹6.67 लाख3 लीटर विदेशी शराब
- सीतामढ़ी 21/10/25- 396 लीटर नेपाली शराब
- कैमूर 22/10/25- 915.6 लीटर + 3,105 लीटर अंग्रेजी शराब
- बगहा, पश्चिमी चंपारण 21/10/25- भारी मात्रा में अंग्रेजी शराब
- नालंदा 21/10/25- 34.795 लीटर अंग्रेजी शराब
- समस्तीपुर 21/10/25- 68 लीटर अंग्रेजी शराब
- जहानाबाद 21/10/25 ₹3.99 लाख-
आखिर कौन मंगा रहा ये सब
सबसे बड़ा सवाल यह है कि चुनाव से पहले इन सब को कौन मंगवा रहा है. इसमें एक चीज और है कि ये आंकड़े उस जब्ती के है, जो पुलिस ने पकड़ लिया है. लोगों का कहना है कि काफी कुछ तो बिना पकड़े भी राज्य के अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग कोनों में अलग-अलग मकसद से पहुंच चुका होगा.
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