Astrology: कुंडली के हर भाव का अपना एक अलग महत्व और एक अलग पहलू होता है. इस भाव में अगर कोई ग्रह मौजूद हो, तो उसके मुताबिक प्रभाव देखने को मिलता है. कुंडली के विभिन्न भावों में ग्रहों की मौजूदगी से यह पता चलता है कि आपका जीवन कैसा रहेगा. हर भाव का प्रभाव ग्रहों की स्थिति पर ही निर्भर करता है. यहां हम बात करेंगे कुंडली के चौथे भाव में ग्रहों के प्रभाव की. कुंडली के चौथे भाव में अगर अशुभ ग्रह हों, तो आपके जीवन पर उसका प्रभाव उसी के मुताबिक देखने को मिलता है, लेकिन कई बार इसके अच्छे प्रभाव भी देखने को मिलते हैं. कुंडली में सूर्य, मंगल, शनि, राहु और केतु को अशुभ या पाप ग्रह माना जाता है. हालांकि, हर भाव में ग्रहों की स्थिति के मुताबिक ही इसका प्रभाव भी देखने को मिलता है. यहां हम जानेंगे चौथे भाव में अशुभ ग्रहों के प्रभाव के बारे में.
कुंडली के चौथे भाव में अशुभ ग्रह
कुंडली के चौथे भाव में राहु के प्रभाव से आप जमीन और जायदाद हासिल करना चाहेंगे. आप में संपत्ति के साथ ही शिक्षा के प्रति भी रुचि बढ़ेगी. चौथे भाव का राहु अक्सर अनुकूल रहता है. आपको माता से सुख की प्राप्ति होगी. प्रशासनिक लोगों से भी सहयोग मिलेगा. हालांकि, चौथे घर में राहु के प्रभाव से व्यक्ति अपनी मातृभूमि से दूर ही रहता है. ऐसे लोगों को घूमना-फिरना ज्यादा पसंद होता है. राहु के प्रभाव से कोई बड़ी उन्नति नहीं मिलती और राह में भी रुकावटें आती हैं, फिर भी कई बार देखा गया है कि नौकरी और पार्टनरशिप में राहु बेहतर परिणाम देता है. इस भाव में राहु दो विवाह का योग भी बनाता है.
केतु के प्रभाव से हो सकती है आर्थिक परेशानी
केतु घर के मामले से भी जुड़ा होता है. इसके प्रभाव से आपको विदेश जाने का भी मौका मिल सकता है. हालांकि, जीवन में सुख और शांति की कमी भी देखने को मिल सकती है. इस भाव में केतु के प्रभाव का असर आपको आपकी मां की सेहत पर भी देखने को मिलता है. केतु को वैसे तो अशुभ माना जाता है, लेकिन ऐसा भी नहीं है, कि केतु का प्रभाव हमेशा बुरा ही हो इस भाव में केतु के प्रभाव से व्यक्ति मधुरभाषी हो सकता है. हालांकि, इन लोगों को धन-धान्य की कमी हो सकती है. इन्हें अपने करीबियों से अच्छा सहयोग मिल सकता है. कई बार ये अपने काम में लापरवाही भी कर सकते हैं. केतु के प्रभाव से आपको कई तरह की अन्य परेशानियां हो सकती हैं. ऐसे लोगों को पैतृक संपत्ति से भी हाथ धोना पड़ सकता है. इस ग्रह के प्रभाव से आर्थिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है.
शनि के कारण हो सकती है मानसिक परेशानी
चौथे भाव में शनि यथास्थिति बनाए रखना चाहेगा. इसके प्रभाव से आप परिवर्तन से दूर रहेंगे, यानी आपको परिवर्तन पसंद नहीं होगा. परिवार के समक्ष परेशानियां भी आ सकती हैं. चौथे भाव में शनि के प्रभाव से व्यक्ति शांत बनता है. व्यक्ति में धैर्य और गंभीरता होती है. ऐसे लोगों को धन की भी प्राप्ति होती है और वे सारे सुख-सुविधाओं से संपन्न होते हैं. ऐसे लोगों को घर से दूर खासकर विदेश में तरक्की मिलती है. शनि के इस भाव का असर आपकी संगति पर भी देखने को मिलता है. मानसिक चिंता या अन्य परेशानी हो सकती है. गृह कलह की भी स्थिति उत्पन्न हो सकती है.
मंगल के कारण संबंधों में आ सकती है खटास
चौथे भाव में मंगल की मौजूदगी के कारण आपको कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं. इसके प्रभाव से आप में भावनात्मक रूप से बेचैनी भी देखने को मिल सकती है. इससे आपका घरेलू जीवन भी प्रभावित हो सकता है. आप में अहं भी देखने को मिलेगा जिसके कारण आपसी संबंधों में भी खटास आ सकती है. वैसे आप बेहतर प्रयास करेंगे, तो इस स्थिति से आपको निजात भी मिल सकती है. मंगल के इस भाव में प्रभाव से वाहन और संतान का सुख मिलेगा. आपकी आर्थिक स्थिति भी अच्छी रहेगी और विभिन्न स्रोतों से आपकी आय होती रहेगी. हालांकि, संपत्ति को लेकर विवाद हो सकता है. वैवाहिक जीवन में भी चिंता और परेशानी हो सकती है. पढ़ाई में भी बाधा का सामना करना पड़ सकता है.
लालच से दूर रहने का करें प्रयास
सूर्य अगर चौथे भाव में हों तो यह आपके जीवन के लिए अच्छी साबित होगी. आपको भावनात्मक शांति का अहसास होगा. आप परिवार से जुड़े रहेंगे. हालांकि अगर सूर्य कमजोर हो, तो इसका विपरित असर आपके जीवन पर देखने को मिल सकता है. इस भाव में सूर्य के प्रभाव से आप आर्थिक रूप से संपन्न होंगे. घर-परिवार में मनमुटाव की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है. भाइयों के साथ भी अनबन हो सकती है. यात्राओं से भी आपको लाभ होगा. चौथे भाव में सूर्य के कारण कई अच्छे और बुरे फल भी मिलते हैं. गलत आदतों से दूर रहने का प्रयास करें और लालच से भी दूर रहें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)