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घर में हो रही कुछ घटनाएं पितृ दोष का हो सकती हैं लक्षण, Vastu Shastra के अनुसार इस तरह पूर्वजों की नाराजगी करें दूर 

Pitra Dosh: घर में होने वाली कुछ घटनाएं पितृ दोष की ओर इशारा करती हैं. आइए जानते हैं उनके बारे में.

Edited by Updated : November 23, 2022 2:51 PM IST
घर में हो रही कुछ घटनाएं पितृ दोष का हो सकती हैं लक्षण, Vastu Shastra के अनुसार इस तरह पूर्वजों की नाराजगी करें दूर 
Pitra Dosh: वास्तु शास्त्र के मुताबिक ये लक्षण पितृ दोष के हैं.
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Pitra Dosh: शास्त्रों में मृत पूर्वजों की नाराजगी को अशुभ माना गया है. कहा जाता है कि पितर देव के नाराज होने से इंसान का पूरा जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है. किसी भी काम में सफलता प्राप्त करने के लिए काफी परेशानियों के गुजरना पड़ता है. इसके साथ ही जीवन दांपत्य जीवन में तनाव, आर्थिक जीवन में परेशानियां और संतान से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. आइए वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के नजरिए से जानते हैं कि आखिर वो संकेत कौन-कौन से हैं जो ये बताते हैं कि मृत पूर्वज नाराज चल रहे हैं. ऐसे में क्या करना उचित माना गया है इसके बारे में आगे जानें.

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घर में पीपल का उगना

वास्तु और हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, घर में पीपल का उगना अशुभ है. अगर किसी घर में बार-बार पीपल का उगना पितृ दोष की निशानी मानी जाती है. यह इस बात का संकेत देते हैं कि आपके मृत पूर्वज यानी पितर देव आपसे नाराज हैं. इस स्थिति में किसी सोमवार को पीपल (Peepal) को जड़ सहित उखाड़कर नदी में बहा दें. साथ ही अमावस्या (Amavasya) के दिन गरीबों को दान दें. सामर्थ्य है तो गरीब बच्चों को सफेद कपड़े दान में दें. ऐसा करने से ही मृत पूर्वज खुश होते हैं. परणामस्वरूप पितर दोष से मुक्ति मिलती है.

किसी काम के बारे में बहुत अधिक सोचना


अगर कोई व्यक्ति किसी भी कार्य के बारे में अत्यधिक सोच रहा है या इस बात को महसूस कर रहा है कि वह कहीं फंस गया है तो यह शुभ संकेत नहीं है. इस बारे में विद्वान और पंडित बताते हैं कि इसके पीछे पितर दोष हो सकता है. अनावश्यक अधिक सोचना इंसान को पागल बना सकता है. ऐसी स्थिति चंद्रमा के बिगड़न से भी बनती है. नियमित दिनचर्या का ठीक ढंग से पालन ना होने पर कुंडली का चंद्रमा दूषित हो जाता है. ऐसे में नियमित शिवलिंग पर जल अर्पित करने के लिए कहा जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)