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शनि का कुंडली के आठवें भाव में कैसा होता है प्रभाव, जानिए यहां

आठवें भाव में शनि का आपके करियर पर भी प्रभाव देखने को मिलता है. ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति को कई तरह के उतार-चढ़ाव का भी सामना करना पड़ सकता है.

Edited by Updated : December 25, 2024 6:22 AM IST
शनि का कुंडली के आठवें भाव में कैसा होता है प्रभाव, जानिए यहां
आठवें भाव में शनि का प्रभाव आपके वैवाहिक जीवन पर देखने को मिलता है.
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Shani kundali dasha : कुंडली के आठवें भाव में भी शनि कुछ खास अच्छे नहीं माने जाते हैं. आठवां भाव आयु का भाव माना जाता है. इस भाव में शनि अक्सर अशुभ फल ही प्रदान करते हैं. इस भाव को गुप्त कार्यों का भाव माना जाता है. शनि के प्रभाव से व्यक्ति सही समय पर अपनी बुद्धि का इस्तेमाल नहीं कर पाता है. कामकाज या अन्य कारणों से जातक को अपने जन्मस्थान से दूर रहना पड़ सकता है. हालांकि व्यक्ति विद्वान होने के साथ ही स्वभाव से भी दयालु हो सकता है. जातक को विरासत में भी संपत्ति आदि की प्राप्ति हो सकती है. इस भाव में शनि की सीधी दृष्टि दूसरे, पांचवें और दसवें भाव पर होती है और इस कारण बिजनेस के साथ ही शिक्षा, धन-संपत्ति और कार्य क्षेत्र पर इसका प्रभाव होता है. इस भाव में शनि के प्रभाव से जातक को ऐसी शक्तियां भी प्राप्त होती है, जो काफी कम लोगों के पास ही देखने को मिलती है.

शनि के सकारात्मक प्रभाव

शनि के सकारात्मक प्रभाव की बात करें, तो व्यक्ति को अपने जीवन के दूसरे चरण में सुख की प्राप्ति हो सकती है. इसके साथ ही जीवन के 36वें साल के बाद भाग्योन्नति हो सकती है. इस भाव में शनि के शुभ प्रभाव से जातक दीर्घायु हो सकता है. आठवें भाव में शनि देव सफलता भी प्रदान करते हैं. व्यक्ति आध्यात्मिक होता है और भक्ति भाव में लीन रहता है.


शनि के नकारात्मक प्रभाव

आठवें भाव में शनि के प्रभाव से व्यक्ति में आलस्य देखने को मिल सकता है. मानसिक रूप से भी परेशानी और असंतोष हो सकता है. व्यक्ति में क्रोध की अधिकता भी देखने को मिलती है. सेहत भी कुछ खास नहीं रहती. इस भाव में शनि के प्रभाव से पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या भी हो सकती है. जातक को जोड़ों का दर्द और दांत से संबंधित समस्या भी हो सकती है. बुढ़ापे में भी जातक को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ सकती है.


वैवाहिक जीवन पर प्रभाव

आठवें भाव में शनि का प्रभाव आपके वैवाहिक जीवन पर देखने को मिलता है. इस भाव में शनि के प्रभाव से व्यक्ति को विवाह के माध्यम से आर्थिक लाभ होता है. शनि के कारण जातक की दोस्तों और परिवार के साथ कुछ खास नहीं बनती. कई बार विवाह के कारण आर्थिक संकट का भी सामना करना पड़ सकता है. इस भाव में शनि के प्रभाव से जीवनसाथी के साथ अलगाव की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है. जातक के पारिवारिक जीवन में परेशानी हो सकती है.


करियर पर प्रभाव

आठवें भाव में शनि का आपके करियर पर भी प्रभाव देखने को मिलता है. ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति को कई तरह के उतार-चढ़ाव का भी सामना करना पड़ सकता है. इस भाव में शनि ग्रह के प्रभाव से जातक को कोयला, खनन, पेट्रोलियम आदि से जुड़े कार्यों से अच्छा लाभ हो सकता है. हालांकि ग्रह के शुभ होने की स्थिति में भी जातक को लाभ होता है और अशुभ होने की स्थिति में काफी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. रिसर्च के क्षेत्र में भी इनका करियर बेहतर होता है. ऐसा व्यक्ति योग शिक्षक, चिकित्सक और जादूगर भी हो सकते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)