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शुक्र का छठे भाव में प्रभाव कैसा होता है, जानिए कुछ खास बातें यहां

अन्य भाव की तरह छठे भाव में शुक्र उतने सहयोगी नहीं होते. पाचवें भाव में शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति काफी रोमांटिक होता है, लेकिन छठे भाव में शुक्र के प्रभाव की बात करें तो व्यक्ति को कम सुख की प्राप्ति होती है.

Edited by Updated : June 14, 2024 6:57 AM IST
शुक्र का छठे भाव में प्रभाव कैसा होता है, जानिए कुछ खास बातें यहां
शुक्र को कला, सुंदरता और आकर्षण का प्रतीक माना जाता है.
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अब अगर कुंडली के छठे भाव में शुक्र की बात करें तो इसके अच्छे और बुरे परिणाम देखने को मिल सकते हैं. छठे भाव में शुक्र के प्रभाव (Shukra Effects) से कई तरह की परेशानियां सामने आ सकती हैं. आपके अपने खर्चों पर नियंत्रण रखने की जरूरत होगी, क्योंकि आपके खर्चे जरूरत से ज्यादा हो सकते हैं. अन्य भाव की तरह छठे भाव में शुक्र उतने सहयोगी नहीं होते. पाचवें भाव में शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति काफी रोमांटिक होता है, लेकिन छठे भाव में शुक्र के प्रभाव की बात करें तो व्यक्ति को कम सुख की प्राप्ति होती है. कुछ गुप्त परेशानी भी हो सकती है. विवाह के बाद आपको अपनी आदतों के साथ ही खान-पान पर भी नियंत्रण रखने की जरूरत होगी.

शुक्र को कला, सुंदरता और आकर्षण का प्रतीक माना जाता है. यह आराम और विलासिता का प्रतीक होता है. ऐसे लोग व्यावहारिक रूप से काफी सहायक हो सकते हैं. इनके प्रेम संबंध काफी मजबूत और स्थिर होते हैं. इतना ही नहीं ये अपने प्रियजनों के साथ सारी बातों को साझा करते हैं.

शुक्र के सकारात्मक प्रभाव 

छठे भाव में शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति का अपने साथी के प्रति काफी लगाव देखने को मिलता है. ये किसी भी हाल में अपने प्रियजन के साथ रहना चाहते हैं और इसके लिए हर संभव प्रयास करते हैं. कार्यस्थल पर भी सहकर्मियों के साथ इनका व्यवहार अच्छा होता है. विनम्र और मिलनसार होने के कारण लोग इन्हें काफी पसंद करते हैं.

शुक्र के नकारात्मक प्रभाव

छठे भाव में शुक्र के कुछ नकारात्मक प्रभाव (Negative Effects) भी देखने को मिलते हैं. इसका सबसे ज्यादा असर आपके प्रेम संबंधों पर देखने को मिल सकता है. ऐसे में आपको अपने रिश्तों को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है. कई बार ये खुद को कम आंकते हैं और इस कारण पीछे रह जाते हैं. इसका कारण आत्मविश्वास की कमी का होना है.

स्वास्थ्य पर प्रभाव

ऐसे लोगों को ज्यादा मीठे से परहेज करने की जरूरत होगी. इस कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्या भी हो सकती है. छठे भाव में शुक्र के विपरीत प्रभाव के कारण रक्त संबंधी समस्या का सामना करना पड़ सकता है. व्यक्ति को आंख, कान और नाक के साथ ही गुर्दे की समस्या भी हो सकती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)