Astrology: कुंडली के हर भाव में कोई न कोई ग्रह मौजूद होता है, जो उस भाव को प्रभावित करता है. अगर ग्रह शुभ हों, तो उसके शुभ फल देखने को मिलते हैं और अगर अशुभ ग्रह हों तो परिणाम विपरीत हो सकते हैं. इस दौरान एक से ज्यादा ग्रहों की युति का भी प्रभाव कुंडली में देखने को मिलता है जिसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर भी पड़ता है. यहां हम जानेंगे कुंडली के पहले भाव में शुक्र के प्रभाव के बारे में. अगर कुंडली के पहले भाव में शुक्र हों तो व्यक्ति आकर्षक व्यक्तित्व वाला होता है. ऐसे लोग स्वस्थ और दीर्घायु होते हैं.
कार्यों में मिलती है सफलता
कुंडली के पहले भाव में शुक्र हो तो व्यक्ति विद्वान और मृदुभाषी होता है. ये थोड़े आलसी भी होते हैं, लेकिन इनमें कामुकता देखने को मिलती है. शुक्र भौतिक सुख-सुविधाओं, फैशन, वैवाहिक सुख और भोग विलास का कारक ग्रह है. यहां शुक्र के प्रभाव में कार्यों में लगातार सफलता मिलती है साथ ही मान-सम्मान में भी बढ़ोतरी होती है. पहले भाव में शुक्र को एक शुभ और लाभकारी ग्रह (Lucky Planet) माना जाता है.
शुक्र के सकारात्मक प्रभाव
कुंडली के पहले भाव में शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति आकर्षक होता है. शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति कला के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है. फैशन डिजाइनर और कॉस्मेटिक आदि के क्षेत्र में उसका इंट्रेस्ट देखने को मिलता है. पहले भाव में शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति सुंदर और दीर्घायु होता है. ऐसे लोग दयालु और मददगार भी होते हैं. हालांकि यदि शुक्र यहां अशुभ हों, तो जीवनसाथी के साथ विचारों का मतभेद हो सकता है.
शुक्र के नकारात्मक प्रभाव
पहले भाव में शुक्र मंगल, शनि या राहु के साथ हो तो व्यक्ति की गलत संगति हो सकती है. वह गलत आदतों को अपना सकता है, जिससे आगे चलकर नुकसान हो सकता है. इसके साथ ही उसके एक से ज्यादा लोगों के साथ अनैतिक संबंध भी हो सकते हैं. अक्सर ये काफी वाचाल भी हो सकते हैं. ऐसे में उन्हें अपनी इस आदत पर नियंत्रण करने की जरूरत हो सकती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)