Astrology: सूर्य को प्रत्यक्ष देवता माना जाता है. सूर्यदेव ही एक ऐसे हैं जिन्हें हम देख सकते हैं. इन्हें काफी मजबूत ग्रह माना जाता है. कुंडली में सूर्य की स्थित ज्यादातर मामले में अच्छे फल ही देती है, लेकिन कई मामलों में सूर्य का प्रभाव विपरीत भी हो सकता है. यहां हम बात करेंगे कुंडली के दूसरे भाव में सूर्य के प्रभाव की. कुंडली के दूसरे भाव में सूर्य सकारात्मकता दर्शाता है. व्यक्ति के पास सुख और समृद्धि होती है.
कुंडली के दूसरे भाव में सूर्य के प्रभाव
अगर सूर्य आपकी कुंडली के दूसरे भाव में हैं तो व्यक्ति धन और धान्य से परिपूर्ण होता है. हालांकि आपको ईश्वर पर विश्वास रखना होगा अन्यथा आपको परेशानी हो सकती है. व्यक्ति भौतिकवादी हो सकता है. कई बार आपके स्वभाव में अहं भी देखने को मिल सकता है. आपके पास अच्छा वाहन होने के संकेत मिल रहे हैं.
प्रेम संबंधों पर हो सकता है प्रतिकूल प्रभाव
अगर प्रेम संबंधों की बात करें तो दूसरे भाव में सूर्य आपके प्रेम संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है. ऐसे लोगों के विवाह में भी कुछ अड़चनें आ सकती हैं. अहंकार के कारण आपके संबंधों में भी कटुता आ सकती है और आपके संबंध बिगड़ सकते हैं. ऐसे लोगों का वैवाहिक जीवन तो लंबा चलेगा, लेकिन छोटी-मोटी समस्याओं के कारण आपको परेशानी हो सकती है.
पढ़ाई के लिए जा सकते हैं विदेश
अगर करियर की बात करें तो पढ़ाई पर काफी खर्च होगा. पढ़ाई के लिए ये लोग विदेश यात्रा भी कर सकते हैं. व्यक्ति की पॉलिटिक्स में भी रुचि देखने को मिल सकती है. ऐसे लोगों को व्यापार से भी लाभ होता है. इनमें महिलाओं के प्रति भी खासा झुकाव देखने को मिल सकता है.
दूसरे भाव में सूर्य के नकारात्मक प्रभाव
दूसरे भाव में सूर्य के प्रभाव से कई नकारात्मक स्थितियां भी उत्पन्न होती हैं. व्यक्ति गलत कार्यों में भी शामिल हो सकता है. पारिवारिक संबंधों को लेकर आपके मन में असंतोष की भावना भी हो सकती है. स्वास्थ्य के लिहाज से देखें तो आपके चेहरे या मुंह से जुड़ी परेशानी हो सकती है. आपको खानपान का ध्यान रखना होगा, अन्यथा आपको पेट से जुड़ी परेशानी भी हो सकती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)