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कुंडली के पहले भाव में कैसा होता है सूर्य का प्रभाव, जानिए कुछ विशेष बातों के बारे में

Surya Dev In Horoscope: कुंडली के पहले भाव में सूर्य के प्रभाव से व्यक्ति में कई तरह की उत्सुकता और जिज्ञासा देखने को मिल सकती है. सू्र्य मजबूत इच्छाशक्ति प्रदान करते हैं और व्यक्ति में काफी दृढ़ संकल्प भी देखने को मिलता है.

Edited by Updated : February 19, 2024 5:45 PM IST
कुंडली के पहले भाव में कैसा होता है सूर्य का प्रभाव, जानिए कुछ विशेष बातों के बारे में
सूर्य को प्रत्यक्ष देवता माना जाता है.
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Astrology: सूर्य को प्रत्यक्ष देवता माना जाता है. सूर्य देव (Surya Dev) ही एक ऐसे हैं जिन्हें हम देख सकते हैं. इन्हें काफी मजबूत ग्रह माना जाता है. कुंडली में सूर्य की स्थित ज्यादातर मामलों में अच्छे फल ही देती है, लेकिन कई मामलों में सूर्य का प्रभाव विपरीत भी हो सकता है. यहां हम बात करेंगे कुंडली के पहले भाव में सूर्य के प्रभाव की. कुंडली (Kundali) के पहले भाव में सूर्य के प्रभाव से व्यक्ति काफी बुद्धिमान और समझदार होता है. 

कुंडली के पहले भाव में सूर्य के प्रभाव

कुंडली के पहले भाव में सूर्य के प्रभाव से व्यक्ति में कई तरह की उत्सुकता और जिज्ञासा देखने को मिल सकती है. सू्र्य मजबूत इच्छाशक्ति प्रदान करते हैं और व्यक्ति में काफी दृढ़ संकल्प भी देखने को मिलता है. इतना ही नहीं ऐसे लोग सकारात्मक, व्यावहारिक और आत्मविश्वास से युक्त होते हैं.

राजनीति में रहते हैं सक्रिय

पहले भाव में सूर्य शक्ति प्रदान करता है, साथ ही कई बार भ्रम और उलझन की स्थित भी उत्पन्न कर सकता है. ऐसे लोग राजनीति में भी आ सकते हैं और इस क्षेत्र में वे काफी ऊंचाई तक भी पहुंचते हैं. सरकार से भी आपके संबंध बेहतर होंगे.

हो सकती है सिर या आंखों से जुड़ी समस्या

सूर्य के प्रथम भाव में रहने के कारण व्यक्ति अपने साथी की जरूरतों पर ध्यान नहीं देता. ऐसे लोग आत्मप्रेम में पड़े रहते हैं. आपका जीवनसाथी अच्छा होगा. हालांकि, इस भाव में सूर्य के प्रभाव से व्यक्ति में आंखों या सिर से जुड़ी समस्या देखने को मिल सकती है. वैसे कुल मिलाकर स्वास्थ्य अच्छा रहेगा.

बच्चों की शिक्षा होती है बेहतर

अगर करियर के लिहाज से देखें तो व्यक्ति अपने नेतृत्व कौशल और इच्छाशक्ति के बल पर बेहतर मुकाम हासिल करता है. ऐसे लोग सरकारी नौकरी में भी हो सकते हैं. हालांकि कई बार उनमें उतावलापन भी देखने को मिल सकता है. ऐसे लोगों के बच्चे भी बेहतर शिक्षा हासिल करते हैं और पढ़ाई के लिए विदेश भी जा सकते हैं.

प्रथम भाव में सूर्य के नकारात्मक प्रभाव

सूर्य के प्रथम भाव में होने के कारण व्यक्ति में कई तरह की नकारात्मकता भी देखने को मिलती है. व्यक्ति अहंकारी और अभिमानी हो सकता है. कई बार उन्हें असुरक्षा की भावना भी महसूस हो सकती है. ये खुद में कोई बदलाव भी नहीं करना चाहते हैं, जिस कारण कई बार परेशानी में भी पड़ जाते हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)