Astrology: कुंडली के अन्य भावों की तरह तीसरे भाव में भी सूर्य का प्रभाव मिला-जुला रहता है. इससे यह पता चलता है कि व्यक्ति कितना सहज हो सकता है. तीसरे भाव में सूर्य के प्रभाव से व्यक्ति काफी वाचाल किस्म का होता है. ऐसे लोगों को घूमना-फिरना ज्यादा पसंद होता है. कुंडली के तीसरे भाव में सूर्य के प्रभाव से व्यक्ति अपने परिवार और दोस्तों के करीब होता है. इनकी बौद्धिक क्षमता भी जबरदस्त होती है. सूर्य के शुभ प्रभाव से समस्याओं के बावजूद व्यक्ति को परेशानी नहीं होती और वह जीवन पथ पर आगे बढ़ता जाता है. ये जो चाहते हैं, उसे हासिल कर लेते हैं.
दूसरे ग्रहों के प्रभाव में सूर्य
तीसरे भाव में सूर्य के प्रभाव से व्यक्ति साहसी होने के साथ ही धार्मिक प्रवृत्ति का भी हो सकता है. इस भाव में सूर्य संतान के लिए काफी अच्छे माने जाते हैं. ऐसे लोग काफी विश्वसनीय और परोपकारी होते हैं. डिफेंस आदि में इनका करियर अच्छा हो सकता है.
रिश्तों के प्रति होते हैं निष्ठावान
इस भाव में सूर्य रिश्तों के लिहाज से अच्छे माने जाते हैं. विवाह के बाद व्यक्ति का भाग्योदय होता है. इन्हें हर तरह के सुख की प्राप्ति होती है. रिश्तों के प्रति ये निष्ठावान और विश्वसनीय भी होते हैं. इन्हें जीवन में हर तरह के सुख की प्राप्ति होती है. इस भाव में सूर्य आपको खास तरह का आकर्षण प्रदान करता है.
शिक्षण के क्षेत्र में होता है कॅरियर
सूर्य के प्रभाव से व्यक्ति की एस्ट्रोलॉजी और गणित में रुचि देखने को मिल सकती है. ऐसे लोग शिक्षण के क्षेत्र में करियर बना सकते हैं.
सूर्य के अशुभ प्रभाव
तीसरे भाव में सूर्य के अशुभ प्रभाव भी होते हैं. ऐसे लोगों में घमंड भी देखने को मिलता है. दूसरों की मदद के दौरान भी थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है, अन्यथा परेशानी हो सकती है. सावधानी न बरतने के कारण प्रतिष्ठा भी धूमिल हो सकती है. यहां सूर्य अगर अकेले हैं, तो कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे, लेकिन अगर किसी दूषित ग्रह के प्रभाव में हों, तो नुकसान पहुंचा सकते हैं. चारित्रिक पतन भी देखने को मिल सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)