Astrology: सूर्य सारे ग्रहों में सबसे प्रमुख और मजबूत ग्रह है. किसी की कुंडली में सूर्य का मजबूत होना, उसके लिए काफी महत्वपूर्ण होता है. अगर कुंडली के 9वें भाव में सूर्य हैं तो व्यक्ति धार्मिक,न्यायप्रिय और सदाचारी होने के साथ ही सकारात्मक भी होता है. ये काफी भाग्यशाली भी होते हैं. इनकी धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों के प्रति भी झुकाव देखने को मिलता है. 9वें भाव में सूर्य के प्रभाव से लंबी यात्रा का मौका मिलता है. व्यक्ति परोपकारी होगा, साथ ही परिवार के साथ भी उसका खास लगाव देखने को मिलता है. इनकी नेतृत्व क्षमता भी जबरदस्त होती है. हालांकि, स्वभाव से ये थोड़े क्रूर हो सकते हैं. इन्हें विभिन्न तरह की वाहनों की सवारी करने का भी मौके मिलेगा.
कुंडली के 9वें भाव में सूर्य का प्रभाव
हर क्षेत्र में मिलेगा सम्मान
वैसे एक उम्र के बाद आपकी परेशानी धीरे-धीरे खत्म होने लगेगी. ये जिस क्षेत्र में भी जाएंगे वहां सम्मान मिलेगा, सूर्य पढ़ाई में भी मदद करेंगे. आपकी ज्योतिष में भी रुचि हो सकती है. विदेश यात्रा का भी मौका मिलेगा.
पार्टनरशिप के बिजनेस में होगा नुकसान
सूर्य अगर हानिकारक स्थिति में हैं तो पिता के साथ संबंध खराब हो सकते हैं. इतना ही नहीं ये लोग सहकर्मियों के काम में भी हस्तक्षेप करते हैं, जिससे उनके साथ संबंध खराब हो सकते हैं. 9वें भाव में सूर्य के प्रभाव के कारण पार्टनरशिप के बिजनेस पर भी बुरे प्रभाव देखने को मिल सकते हैं. पैतृक संपत्ति में हिस्सेदारी को लेकर विवाद हो सकता है. ऐसे मामलों में आपको सावधानी बरतनी होगी. वैसे सरकारी कर्मचारियों के साथ आपके संबंध बेहतर होंगे.
सूर्य के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव
वैसे 9वें भाव में सूर्य सेल्फ रिस्पेक्ट के साथ ही प्रेम, अधिकार और अहं का प्रतिनिधित्व करता है. ये अपनी लाइफ को पूरी तरह और अपने तरीके से जीना पसंद करते हैं. इनका सकारात्मक पहलू यह है कि ये धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में लिप्त रहते हैं. इसका विपरीत प्रभाव यह है कि इन लोगों का पिता के साथ अलगाव हो सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)