Astrology: कुंडली के आठवें भाव को आयु का भाव माना जाता है. यह भाव परिवर्तन के साथ ही पुनर्जन्म से भी जुड़ा है. इस भाव से व्यक्तित्व और अंतरंग संबंधों के बारे में भी जानकारी मिलती है. आठवें भाव में शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति को विरासती संपत्ति भी मिलती है. इतना ही नहीं शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति अपने लाइफ पार्टनर के प्रति प्रतिबद्ध होता है.
शुक्र के सकारात्मक प्रभाव
आठवें भाव में शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति को अपने जीवनसाथी के माध्यम से सभी प्रकार की सुख-सुविधाएं मिलती है. ये काफी भाग्यशाली होते हैं और इन्हें बेहतर जीवनसाथी मिलता है. विरासत के रूप में भी इन्हें अच्छी संपत्ति प्राप्त होती है.
शुक्र के नकारात्मक प्रभाव
आठवें भाव में शुक्र के कुछ नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिलते हैं. शुक्र के प्रभाव (Shukra Effects) से व्यक्ति का झुकाव नशे की ओर हो सकता है. शराब आदि के कारण फेफड़े से जुड़ी समस्या हो सकती है. रेबिज का भी खतरा हो सकता है. शुक्र के अशुभ प्रभाव से तांत्रिक विद्या की ओर भी इनका झुकाव देखने को मिल सकता है.
वैवाहिक जीवन पर प्रभाव
आठवें भाव में शुक्र के प्रभाव से वैवाहिक जीवन में थोड़ी परेशानी भी हो सकती है. लाइफ पार्टनर के साथ अनबन हो सकती है. आठवें भाव में शुक्र के साथ बुध और गुरू भी हों तो व्यक्ति झूठे रिश्ते में भी पड़ सकता है. ऐसे में आपको एक-दूसरे को समझने का प्रयास करने की जरूरत है. अगर शुक्र के साथ मंगल और शनि भी हों, तो रिश्तों में आने वाले उतार-चढ़ाव का सामना करने के लिए पहले से तैयार रहने की जरूरत होगी.
शुक्र का करियर पर प्रभाव
आठवें भाव में शुक्र का प्रभाव करियर पर भी देखने को मिलता है. इस भाव में शुक्र के प्रभाव से किसी महिला के माध्यम से धन की प्राप्ति हो सकती है. किसी ट्रस्ट के जरिए भी आर्थिक लाभ हो सकता है. व्यक्ति को विदेश यात्रा का भी मौका मिलेगा. हालांकि, आपको व्यर्थ के घूमने-फिरने के साथ ही वाद-विवाद से बचने की भी जरूरत है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)