Astrology: कुंडली का नौवां भाव काफी महत्वपूर्ण होता है. इस भाव को भाग्य का भाव माना जाता है. ऐसे में अगर इस भाव में शनि हों, तो व्यक्ति के जीवन पर इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है. इस भाव में शनि आपके भाग्य को कमजोर कर सकते हैं. ऐसे में जातक को भाग्य का साथ उतना नहीं मिल पाता, जितना उसे मिलना चाहिए. हालांकि, शनि के कारण व्यक्ति को अपनी गलतियों से सीखने में मदद मिलती है और वह खुद में सुधार करता है. नौवां भाव भाग्य, धर्म और यात्रा का कारक होता है. ऐसे में अगर इस भाव में शनि हों तो इस क्षेत्र में परेशानी होने की संभावना होती है. वैसे तो इन्हें कोमल स्वभाव का माना जाता है, लेकिन कभी-कभी निर्णय लेने के मामले में ये सख्त भी हो सकते हैं. अगर नौवां भाव अच्छा है, तो जातक को भाग्य का साथ मिलता है.
शनि के सकारात्मक प्रभाव
नौवें भाव में शनि के सकारात्मक प्रभाव की बात करें तो इस भाव में शनि बेहतर परिणाम भी देते हैं. जातक का भाग्योदय भी होता है. खास बात यह है कि व्यक्ति अपनी मेहनत के बल पर सुख-समृद्धि प्राप्त करता है. व्यक्ति की धर्म-कर्म में रूचि हो सकती है. ये शुभ कार्य करने वाले हो सकते हैं. स्वभाव से सौम्य होने के कारण इनका व्यवहार भी अच्छा होता है. इस कारण लोग इन्हें पसंद करते हैं. शनि के शुभ प्रभाव के कारण जातक को काफी प्रसिद्धि भी मिलती है. इस भाव में शनि के प्रभाव से व्यक्ति अपने काम के प्रति जिम्मेदार होता है. ये काफी दयालु होने के साथ ही दान करने में भी आगे रहते हैं.
शनि के नकारात्मक प्रभाव
शनि के नकारात्मक प्रभावों की बात करें, तो जातक को हर मामले, खासकर आर्थिक मामलों में सावधान रहने की जरूरत हो सकती है. व्यक्ति को किसी भी स्रोत से मिलने वाले गिफ्ट या विरासत संबंधी मामलों में सतर्क रहने की जरूरत होती है. व्यक्ति पर कर्ज का बोझ भी हो सकता है. इतना ही नहीं इनसे ऋण की वसूली भी आसान नहीं होती. ऐसे लोगों को दूसरों का अपमान करने से बचने की जरूरत है.
वैवाहिक जीवन पर प्रभाव
अगर नौवें भाव में शनि का वैवाहिक जीवन पर प्रभाव देखें, तो इस भाव में शनि के कारण जातक का वैवाहिक जीवन अच्छा होता है. जीवनसाथी भी सहयोगी और आपके प्रति वफादार होगा. आपको अपने पार्टनर के व्यवहार से काफी खुशी हो सकती है. हालांकि, आपको अपने रिश्तों को संभालने पर काफी ध्यान देने के साथ ही धैर्य से आगे बढ़ने की जरूरत हो सकती है.
करियर पर प्रभाव
शनि के करियर पर प्रभाव की बात करें, तो आध्यात्म में रूचि होने के कारण ज्योतिष और तंत्र विद्या की ओर झुकाव हो सकता है. इनमें सीखने की प्रवृत्ति होती है और इस कारण वे शिक्षा और शिक्षण पर ध्यान देते हैं. शनि की यह स्थिति उच्च शिक्षा डिग्री जैसे पीएचडी, लॉ या फिर एमबीबीएस आदि के लिए अच्छी मानी जाती है. इनके लिए अध्यापन का क्षेत्र खासकर शिक्षक, अधिवक्ता या ज्योतिष आदि का काम अच्छा हो सकता है। ये लेखक, मोटिवेशनल स्पीकर या धार्मिक गुरु भी हो सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)