Astrology: कुंडली का ग्यारहवां भाव जीवन के कई महत्वपूर्ण पहुलओं के बारे में बताता है. कुंडली के इस भाव में शुभ और अशुभ ग्रहों का काफी प्रभाव देखने को मिलता है. यह लाभ का भाव होता है, लेकिन इस भाव में अशुभ ग्रहों के कारण कई तरह की परेशानियां भी देखने को मिलती हैं. राहू जैसे अशुभ ग्रह के कारण व्यक्ति के जीवन में कई तरह की बाधाएं और परेशानी हो सकती हैं. इस भाव में अगर अशुभ ग्रह हों, तो उसका आपके जीवन पर अहम प्रभाव देखने को मिलता है. कुंडली में सूर्य मंगल, शनि, राहू और केतु को अशुभ ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है. अगर आपकी कुंडली के ग्यारहवें भाव में अशुभ ग्रह हों, तो आपके जीवन पर इसका क्या प्रभाव हो सकता है, आइए जानते हैं.
कुंडली के ग्यारहवें भाव में अशुभ ग्रहों का प्रभाव
कुंडली के ग्यारहवें भाव में सूर्य को अच्छा माना जाता है. ग्रह के प्रभाव से लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद मिलती है. ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति का स्वभाव भी अच्छा होता है. सूर्य के प्रभाव से आर्थिक स्थिति अच्छी होगी. शत्रुओं पर भी विजय प्राप्त होगी. कई मामलों में सफलता हासिल होगी और अधिकारियों का भी सहयोग और समर्थन मिलेगा. हालांकि सूर्य के प्रभाव से संतान की संख्या कम होगी. पेट से संबंधित रोग हो सकते हैं. ग्यारहवें भाव में सूर्य माता के लिए शुभ फलदायी नहीं है.
मंगल के प्रभाव से होगा क्रोध
मंगल के प्रभाव से व्यक्ति काफी साहसती होता है. वह जो भी कार्य करता है, उसे पूरा करके ही रहता है. नए लोगों के साथ भी इनके संबंध अच्छे होते हैं. हालांकि इनमें आवेग भी देखने को मिलता है जिस कारण इन्हें परेशानी भी उठानी पड़ सकती है. मंगल के प्रभाव से व्यक्ति में धैर्य भी देखने को मिल सकता है. अपने जीवन में इन्हें काफी आर्थिक लाभ भी होगा. मंगल के प्रभाव से आपकी वाणी कटु हो सकती है. आपके क्रोध की अधिकता भी देखने को मिल सकती है. ऐसे में आपको वाणी पर नियंत्रण रखना होगा. दोस्तों से भी मतभेद हो सकता है. ऐसे लोग अपने गुरुओं का सम्मान करते हैं.
शनि के प्रभाव से व्यक्ति होगा संतोषी
शनि के प्रभाव से व्यक्ति काफी व्यावहारिक होगा. हालांकि, आपको अपने करीबियों से रिश्ता बनाने में परेशानी हो सकती है. शनि आपको अपने लोगों से सावधान रहने का भी संकेत देते हैं. इस भाव में शनि ज्यादातर शुभ फल ही देता है. ऐसे लोग दयालु और मधुरभाषी भी हो सकते हैं. ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति दीर्घायु होने के साथ ही संतोषी होगा. उसका भाग्य भी प्रबल हो सकता है. ऐसे लोग कई विद्या जानने वाले भी हो सकते हैं. आर्थिक स्थिति भी बेहतर रहेगी और बचत भी होगी. हालांकि शनि के प्रभाव से संतान प्राप्ति में विलंब हो सकता है. स्वास्थ्य की बात करें तो कई बड़ी बीमारी नहीं होती.
गलत रास्तों से धन कमाने पर परेशान करता है राहू
राहू के प्रभाव से व्यक्ति में काफी उत्तेजना देखने को मिलती है. इस भाव में राहू के प्रभाव से व्यक्ति काफी महत्वाकांक्षी हो सकता है. राहू के प्रभाव से भौतिक सुख की भी प्राप्ति होती है. व्यक्ति स्वस्थ और दीर्घायु होता है. व्यक्ति की आर्थिक स्थिति बेहतर होती है, लेकिन ये धन कमाने के गलत तरीके भी अपना सकते हैं, जिससे परेशानी भी हो सकती है. संतान से जुड़ी परेशानी भी हो सकती है. कई बार ये बेकार के वाद-विवाद में भी पड़ जाते हैं जिससे इन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. राहू के प्रभाव से व्यक्ति विद्वान तो होगा, लेकिन स्वभाव में चंचलता भी देखने को मिल सकती है. इनमें अहंकार भी देखने को मिल सकता है.
केतु के कारण पेट से जुड़ी बीमारियां कर सकती हैं परेशान
केतु के प्रभाव से आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी. हालांकि इनकी सोशल लाइफ कुछ खास नहीं होती. इनके दोस्तों की संख्या भी कम या न के बराबर हो सकती है. ग्यारहवें भाव में केतु भी शुभ फलदायी होता है. ऐसे लोग परोपकारी और दयालु स्वभाव के होते हैं. इनकी शिक्षा भी बेहतर होगी और स्वभाव से भी उदार होते हैं. इनकी वाणी में मधुरता देखने को मिलती है. इस कारण लोगों में भी इनकी छवि अच्छी होगी. इन्हें भाग्य का साथ मिलता है. ये अपने काम को कभी अधूरा नहीं छोड़ते. केतु के प्रभाव से व्यक्ति को किसी बात को लेकर चिंता भी हो सकती है. पेट से संबंधित बीमारियों से परेशानी होगी साथ ही संतान को लेकर भी चिंता हो सकती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)