
Astrology: कुंडली के छठे भाव में केतु काफी हद तक अच्छे माने जाते हैं. केत के प्रभाव से जातक अपनी इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम होंगे. केतु के प्रभाव से स्वास्थ्य संबंधी कोई बड़ी समस्या नहीं होती. अगर कोई छोटी-मोटी समस्या होती भी है, तो उसमें जल्द ही सुधार भी देखने को मिलता है. ज्योतिष में छठे भाव से शत्रु, पैतृक रिश्ते सहित अन्य कई बातों के बारे में जानकारी मिलती है. छठे भाव के स्वामी बुध होते हैं. अगर इस भाव में ग्रह मजबूत स्थिति होते हैं, तो जातक काफी मेहनती और ईमानदार होता है.
केतु के सकारात्मक प्रभाव
केतु के सकारात्मक प्रभाव के फलस्वरुप आपको धन लाभ भी होगा. जातक फिजूलखर्ची से दूर रहता है. आपके पास पशुधन भी होगा. केतु के प्रभाव से भाइयों के साथ रिश्ता अच्छा रहता है. जातक काफी मेहनती होती है.
केतु के नकारात्मक प्रभाव
छठे भाव में केतु के कई अशुभ परिणाम भी देखने को मिलते हैं. जातक में झगड़ालु प्रवृत्ति भी देखने को मिल सकती है. मामा पक्ष से कुछ मतभेद भी हो सकता है. केतु के कारण जीवन में अस्थिरता हो सकती है. पारिवारिक जीवन में तनाव के साथ ही सेहत पर भी विपरित प्रभाव देखने को मिल सकता है.
वैवाहिक जीवन पर प्रभाव
केतु का वैवाहिक जीवन पर भी प्रभाव देखने को मिलता है. केतु के प्रभाव से आपके वैवाहिक जीवन में कुछ समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन केतु के शुभ प्रभाव से वैवाहिक जीवन में सुख और शांति भी देखने को मिलती है. हालांकि, आपको दांपत्य जीवन में ईमानदारी बरतने की जरूरत होगी.
करियर पर प्रभाव
केतु के करियर पर प्रभाव की बात करें, तो जातक को प्रतियोगी परीक्षा आदि में सफलता मिलती है. पढ़ाई में भी उसकी स्थिति अच्छी होती है. जातक के बेहतरीन सलाहकार भी हो सकता है. केतु के प्रभाव में व्यक्ति मेहनती और ईमानदार होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)