
Astrology: पांचवें भाव में केतु प्रेम संबंध, संतान, बुद्धि और ज्ञान का कारक होता है. इनकी नई भाषा सीखने में भी रुचि होती है. ऐसे में ये कई भाषाओं को जानकार भी होते हैं. केतु के प्रभाव से जातक काफी भावुक भी होता है, जिसका असर जीवनशैली पर भी देखने को मिल सकता है. केतु के प्रभाव से जातक में धैर्य की कमी देखने को मिलती है. वह ईर्ष्यालु और अभिमानी होने के साथ ही कायर भी होता है. ढलती उम्र के साथ जातक आध्यात्मिक प्रवृत्ति का भी हो सकता है. हालांकि केतु के प्रभाव से आपके मन में नकारात्मक विचार भी आ सकते हैं. आप गलत निर्णय भी ले सकते हैं, जिसके लिए आपको पछताना भी पड़ सकता है. जातक में कई बार मानसिक तनाव भी देखने को मिलता है.
केतु के सकारात्मक प्रभाव
पांचवें भाव में केतु के कुछ सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं. संतान को पशुओं से लाभ हो सकता है. जातकों को तीर्थयात्रा करना पसंद होगा. जातकों में आध्यात्म के प्रति भी झुकाव देखने को मिलता है. आपके शत्रु आपको नुकसान नहीं पहुंचा सकेंगे. हालांकि, भाई-बहन के साथ विवाद हो सकता है.
केतु के नकारात्मक प्रभाव
केतु के नकारात्मक प्रभाव की बात करें तो उसे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो सकती है. व्यक्ति को पेट और पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या होती है. पानी से भी खतरा हो सकता है. व्यक्ति में छल-कपट की प्रवृत्ति भी देखने को मिल सकती है. आप गलत तरीके से भी धन कमा सकते हैं.
वैवाहिक जीवन पर प्रभाव
केतु का वैवाहिक जीवन पर भी प्रभाव देखने को मिलता है. यह भाव प्रेम और रोमांस के बारे में भी बताया है. इससे पता चलता है कि आपके रिश्ते कैसे होंगे. पांचवां भाव संतान और ज्ञान का भाव कहा जाता है. इस भाव में केतु के प्रभाव से संतान से जुड़ी समस्याओं के साथ ही संतानोत्पत्ति में भी समस्या हो सकती है.
करियर पर प्रभाव
केतु के करियर पर प्रभाव की बात करें तो उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो सकती है. हालांकि, इन्हें आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ सकता है. इन्हें नौकरी करना काफी पसंद होता है. इन्हें विदेश में रहना पसंद होता है. फिलॉसफी और इससे संबंधित विषयों में भी व्यक्ति की रूचि देखने को मिलती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)