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कुछ इस तरह का होता है कुंडली के दूसरे भाव में गुरु का प्रभाव, यहां जानिए क्या है खासियत

कुंडली के दूसरे भाव में गुरू के कुछ नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिलते हैं. गुरू अगर प्रतिकूल स्थिति में हों, तो व्यक्ति को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.

Edited by Updated : September 04, 2024 7:26 AM IST
कुछ इस तरह का होता है कुंडली के दूसरे भाव में गुरु का प्रभाव, यहां जानिए क्या है खासियत
दूसरे भाव को संपत्ति का कारक भी माना जाता है.
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Astrology: कुंडली के दूसरे भाव में गुरू महत्वपूर्ण माने जाते हैं. कुंडली का दूसरा भाव धन या परिवार का कारक होता है. इस भाव में गुरू आपकी आर्थिक स्थिति, भाग्य और रिश्तों को प्रभावित कर सकते हैं. दूसरे भाव में गुरू के प्रभाव से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति अच्छी होती है. गुरू को ज्ञान का कारक माना जाता है. इस भाव में गुरू के प्रभाव से व्यक्ति आपने ज्ञान के बल पर आगे बढ़ता है. अपने ज्ञान से वह धन अर्जित करता है.

गुरू के सकारात्मक प्रभाव

दूसरे भाव को संपत्ति का कारक भी माना जाता है. इस भाव से व्यक्ति के भौतिक सुख की भी जानकारी मिलती है. दूसरे भाव में गुरू के प्रबाव से व्यक्ति दीर्घायु और आकर्षक होता है. स्वभाव से भी वह काफी विनम्र, उत्साही और मधुरभाषी होता है. गुरू के प्रभाव से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति भी बेहतर होती है. व्यक्ति की बातचीत की शैली अच्छी होती है. इस कारण उसके मित्रों की संख्या भी ज्यादा होती है. इस भाव में गुरू ज्यादातर शुभ फल प्रदान करते हैं.

गुरू के नकारात्मक प्रभाव

कुंडली के दूसरे भाव में गुरू के कुछ नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिलते हैं. गुरू अगर प्रतिकूल स्थिति में हों, तो व्यक्ति को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. नकारात्मक स्थिति में व्यक्ति को सफलता प्राप्त करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है. इसके बावजूद उसे मिलने वाले शुभ परिणाम में कमी हो सकती है. व्यक्ति में अहं की भावना भी देखने को मिल सकती है। कई बार स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो सकती है. 

वैवाहिक जीवन पर प्रभाव

दूसरे भाव में गुरू रिश्तों के साथ ही वैवाहिक जीवन पर भी प्रबाव डालते हैं. व्यक्ति की धर्म के प्रति रूचि देखने को मिलती है. व्यक्ति को संतान सुख भी मिलता है. दूसरा भाव परिवार का भाव भी होता है. ऐसे में उनकी पारिवारिक स्थिति भी अच्छी होती है.

गुरू का करियर पर प्रभाव

गुरू के दूसरे में करियर पर प्रभाव की बात करें तो व्यक्ति की रासायन शास्त्र में रुचि हो सकती है. व्यक्ति कानून के क्षेत्र में भी आगे बढ़ सकता है. इसके साथ ही उसकी सरकारी नौकरी, वित्तीय संस्थान जैसे बैंक, शिक्षा आदि के क्षेत्र में भी आगे बढ़ सकता है. गुरू ज्ञान के कारक माने जाते हैं, ऐसे में व्यक्ति कई भाषाओं का जानकार भी हो सकता है. दूसरे भाव में बृहस्पति करियर में सफलता भी प्रदान करते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)