Lord shiva poja samgri : महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी को देश में बड़े धूम-धाम के साथ मनाया जाएगा. इस पर्व का इंतजार शिव भक्त पूरे साल करते हैं. इस दिन महिला हो या पुरुष दोनों ही उपवास कर भोलनाथ की पूजा में लीन होते नजर आते हैं. मनपसंद और अच्छे पति को पाने की चाह में कुंवारी लड़कियां इस व्रत को बड़ी विधि विधान से करती हैं. माना जाता है कि, यह व्रत हर कार्य में सफल होने और इच्छापूर्ति के लिए रखा जाता है. आज हम आपको इस व्रत से जुड़ी और भी जानकारियां देने जा रहे हैं, जो आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है. इसके साथ ही आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि, भोलेनाथ की पूजा के साथ किन बातों का खासा ध्यान रखना चाहिए और किन चीजों को महाशिवरात्रि (Mahashivratri) की पूजा में शामिल करना चाहिए.
महाशिवरात्रि में पूजा सामग्री | Mahashivratri Puja Samagri
- भगवान शिव को कनेर और कमल का फूल चढ़ाया जाता है. केतकी और केवड़े का फूल भोले शंकर कभी अर्पित न करें. वहीं भगवान शिव को कुमकुम और रोली भी नहीं लगाई जाती है.
- फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि को साल की सबसे बड़ी शिवरात्रि में से एक माना जाता है. अपने दिन की शुरुआत ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके करें. इसके बाद घर में पूजा स्थल पर जल से भरा कलश स्थापित करें. बाद में कलश के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियों को रखें.
- भगवान शिव और माता पार्वती को अक्षत, पान, सुपारी, रोली, मौली, चंदन, लौंग, इलायची, दूध, दही, शहद, घी, धतूरा, बेलपत्र, कमलगट्टा और फल चढ़ाएं. पूजा करें और अंत में भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें.
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- महाशिवरात्रि की पूजा में बेलपत्र, भांग, धतूरा, गाय का कच्चा दूध, चंदन, रोली, कपूर, केसर, दही, घी, मौली, अक्षत (चावल), शहद, शक्कर, पांव प्रकार के मौसमी फल, गंगा जल, जनेऊ, वस्त्र, इत्र, कनेर पुष्प, फूलों की माला, खस, शमी का पत्र, लौंग, सुपारी, पान, रत्न, आभूषण, परिमल द्रव्य, इलायची, धूप, शुद्ध जल, कलश इत्यादि पूजन सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है. मान्यता है कि इन पूजन सामग्रियों से भगवान शिव की पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)