• होम
  • ज्योतिष
  • क्या आप जानते हैं कुंडली के बारहवें भाव में अशुभ ग्रहों का प्रभाव कैसा होता है

क्या आप जानते हैं कुंडली के बारहवें भाव में अशुभ ग्रहों का प्रभाव कैसा होता है

Ashubh Grah: इस भाव में ग्रहों के प्रभाव से अलगाव भी हो सकता है जिससे आपको परेशानी हो सकती है. आपको हीन भावना से भी गुजरना पड़ सकता है.

Edited by Updated : February 13, 2024 7:39 AM IST
क्या आप जानते हैं कुंडली के बारहवें भाव में अशुभ ग्रहों का प्रभाव कैसा होता है
Astrology: कुंडली में सूर्य, मंगल, शनि, राहू और केतु को अशुभ ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है.
FacebookTwitterWhatsAppInstagramLinkedinKoos

Horoscope: कुंडली का बारहवां भाव खर्च और नुकसान के साथ ही बंधनों को भी दर्शाता है. इस भाव में ग्रहों के प्रभाव से व्यक्ति को बेकार के खर्च का सामना भी करना पड़ सकता है. यदि आपके कर्म गलत होंगे तो आर्थिक और नैतिक पतन की समस्या से भी गुजरना पड़ सकता है. इस भाव में ग्रहों के प्रभाव से अलगाव भी हो सकता है जिससे आपको परेशानी हो सकती है. आपको हीन भावना से भी गुजरना पड़ सकता है. इस भाव में अगर अशुभ ग्रह हों, तो उसका आपके जीवन पर अहम प्रभाव देखने को मिलता है. कुंडली में सूर्य, मंगल, शनि, राहू और केतु को अशुभ ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है. अगर आपकी कुंडली के बारहवें भाव में अशुभ ग्रह (Ashubh Grah) हों, तो आपके जीवन पर इसका क्या प्रभाव हो सकता है, आइए जानते हैं.

कुंडली के बारहवें भाव में अशुभ ग्रहों का प्रभाव 

सूर्य के प्रभाव से व्यक्ति को परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है. हालांकि,सूर्य पीड़ित अवस्था में है, तो आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इसके लिए आपको उपाय करने की जरूरत है. बारहवें भाव में सूर्य ज्यादा शुभ फलदायी नहीं होता है. ऐसे में आपको परोपकार के कार्यों में ज्यादा खर्च करने की जरूरत होगी. दवा और केमिकल आदि के क्षेत्र में आपको बेहतर परिणाम मिल सकता है. इस भाव में सूर्य के प्रभाव से आपमें आत्मविश्वास की कमी भी देखने को मिल सकती है. हालांकि,कार्यक्षेत्र में कामयाबी नजर आएगी. आपको विदेश यात्रा का भी मौका मिल सकता है. हालांकि, आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाए रखने के लिए आपको काफी मेहनत भी करनी पड़ेगी.

मंगल के प्रभाव से स्वभाव में आ सकती है उग्रता

मंगल के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में कुछ गलत भी हो सकता है. शत्रुओं से भी नुकसान की संभावना हो सकती है. इन सबसे बचने के लिए आपको अपनी इच्छाशक्ति को प्रबल रखने के साथ ही भ्रम आदि से दूर रहने की जरूरत होगी. बारहवें भाव में मंगल (Mars) को कुछ खास अच्छा नहीं माना जाता. दांपत्य जीवन के लिए भी यह स्थिति शुभ नहीं है. मंगल के प्रभाव से आपके स्वभाव में भी उग्रता देखने को मिल सकती है. आपके खर्चे भी अधिक होंगे और इससे निपटने के लिए आपको कर्ज तक लेना पड़ सकता है. ऐसे में आपको ध्यान रखने की जरूरत होगी. आपकी धार्मिक कार्यों में भी रुचि कम हो सकती है. अपने साथी के साथ बेहतर व्यवहार रखें, अन्यथा परेशानी हो सकती है. बेकार के खर्चों के कारण भी आपको परेशानी हो सकती है. आपको आंखों से जुड़ी समस्या हो सकती है.

शनि दे रहे गलत संगति से दूर रहने की सलाह

बारहवें भाव में शनि के कारण व्यक्ति एकांतप्रिय हो सकता है. हालांकि, ऐसे लोगों में दार्शनिकता भी देखने को मिलती है. शनि के प्रभाव से आपको नुकसान तो होगा, लेकिन अगर आप डर और अनिश्चितता से दूर रहेंगे, तो अच्छा रहेगा. शनि के प्रभाव से व्यक्ति दयालु हो सकता है. शनि के प्रभाव से व्यक्ति कुछ कठोर भी हो सकता है. उसमें झूठ की अधिकता भी देखने को मिल सकती है. बारहवें भाव में शनि गलत कार्यों से धन अर्जित करने का भी संकेत दे रहा है. आपको गलत संगति से बचने और बेकार के खर्चों से दूर रहने की जरूरत है. आपको आंखों से रक्त से जुड़ी समस्या हो सकती है. 

राहू के प्रभाव से हो सकते हैं बेकार के खर्चे

बारहवें भाव में राहू (Rahu) का होना ज्यादा अच्छा नहीं माना जाता है. आपके बेकार के खर्चे भी हो सकते हैं. राहू के प्रभाव से व्यक्ति महत्वाकांक्षी हो सकता है. हालांकि ऐसे लोग स्वभाव से भी मिलनसार हो सकते हैं. इस भाव में राहू के प्रभाव से शत्रु आप पर हावी नहीं हो सकेंगे. यानी शत्रुओं से आपको कोई परेशानी नहीं होगी. जीविकोपार्जन के लिए आपको घर से दूर जाना पड़ सकता है. बाहर जाने से आपको फायदा होगा. राहू के प्रभाव से आपके खर्चे भी खूब होंगे. हालांकि आपको गलत कार्यों से बचकर रहने की जरूरत है.

केतु के कारण आंख और पेट में हो सकती है परेशानी

इस भाव में केतु का होना अच्छा माना जाता है. इससे आपमें आध्यात्मिक भाव नजर आ सकता है. वैसे व्यक्ति का झुकाव एकांत की ओर भी हो सकता है. इस भाव में केतु अगर पीड़ित है तो इसका असर आपके स्वास्थ्य पर देखने को मिल सकता है. इस भाव में केतु के प्रभाव से आपके खर्चे होंगे, लेकिन ये खर्चे धार्मिक कार्यों पर ही होंगे. आपके स्वभाव में चंचलता भी देखने को मिल सकती है. आपका मन अशांत भी हो सकता है. आपको अपनी संपत्ति पर ध्यान देने की जरूरत होगी, अन्यथा आपको नुकसान हो सकता है. आपको आंखों या पेट से संबंधित परेशानी भी हो सकती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)