Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि की शुरूआत होते ही भक्त मां दुर्गा की पूजा-आराधना में तल्लीन होने लगते हैं. पूजा की अलग-अलग सामग्रियां खरीदी जाने लगती हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि नवरात्रि की पूजा (Navratri Puja) में विशेषकर लौंग को क्यों सम्मिलित किया जाता है? असल में ऐसा करने के पीछे विशेष वजह छिपी हुई है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने के लिए लौंग (Clove) का इस्तेमाल भी होना चाहिए क्योंकि ऐसा करने पर घर में सुख-समद्धि का वास भी होता है. यहां जानिए और किन-किन वजहों और मान्यताओं के आधार पर नवरात्रि पूजा में लौंग रखना जरूरी है और क्या हैं लौंग के उपाय.
नवरात्रि की पूजा में लौंग | Clove In Navratri Puja
लौंग का जोड़ा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मां दुर्गा के समक्ष नवरात्रि में लौंग का जोड़ा अर्पित किया जाता है. ऐसा करने पर मां प्रसन्न होकर भक्तों को मनचाहा वरदान देती हैं. इसके साथ ही, कहा जाता है कि मां दुर्गा (Ma Durga) के समक्ष यदि नवरात्रि के नौ दिन गुलाब के फूल के साथ-साथ लौंग का जोड़ा रखा जाए तो धन की प्राप्ति होती है और घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है.
कपूर के साथ लौंग
घर की आर्थिक स्थिति ठीक ना हो तो इसके लिए लौंग का यह उपाय (Laung Upay) अपनाया जा सकता है. मां दुर्गा की शाम के समय पूजा करने के दौरान जलते कपूर में 2 लौंग डाल दें. इस जलते लौंग के जोड़े और कपूर को पूजा की थाली में रखकर आरती करने पर शुभ फल की प्राप्ति होती है.
नकारात्मकता दूर करने के लिए
जिन भक्तों को ऐसा महसूस होने लगे कि उनका घर नकारात्मकता से भर गया है या घर में नकारात्मक ऊर्जा अत्यधिक बढ़ गई है तो वे मां दुर्गा के समक्ष लौंग अर्पित भी कर सकते हैं. नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा को 108 लौंग चढ़ाना बेहद शुभ होता है.
मिलती है रोगों से मुक्ति
रोग मुक्ति के लिए भी नवरात्रि में कुछ उपाय किए जा सकते हैं. तवे पर 6 से 7 लौंग की कलियां रखें और उन्हें जलाकर घर के किसी कोने में रख दें. ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार ऐसा करने पर बीमारियां दूर होती हैं और घर में आयदिन होने वाली कलह से भी छुटकारा मिलता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)