Astrology: कुंडली का पांचवां भाव काफी महत्वपूर्ण होता है. इससे संतान सुख, ज्ञान, साहस, प्रेम संबंध सहित अन्य बातों की जानकारी मिलती है. पांचवे भाव के कारण गुरू हैं, ऐसे में विद्या और संतान की स्थिति अच्छी होती है. हालांकि, अगर इस भाव में कोई दूषित ग्रह हो तो परिणाम विपरित भी हो सकते हैं. ज्योतिष में सूर्य, मंगल, शनि, राहु और केतु को अशुभ ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है. ऐसे में अगर आपके पांचवे भाव में अशुभ ग्रह हों, तो आपके जीवन पर इसका क्या प्रभाव हो सकता है, आइए जानते हैं.
महत्वपूर्ण होता है पांचवा भाव
ज्योतिष में पांचवा भाव खुशियों का प्रतिनिधित्व करता है. यह रचनात्मकता को भी दर्शाता है. ऐसे में इस भाव को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसे में अगर पांचवें भाव में अशुभ ग्रह हों, तो उसके दुष्प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिषीय उपाय अपनाने की जरूरत है.
कमजोर सूर्य के कारण होती है परेशानी
पांचवें भाव में सूर्य के प्रभाव से व्यक्ति काफी सकारात्मक हो सकता है. इससे रचनात्मकता बढ़ती है और व्यक्ति जोश और उत्साह से भरा हो सकता है. ऐसे लोगों की संतान भी काफी प्रतिभाशाली होती है. हालांकि, अगर इस भाव में सूर्य कमजोर हो तो इसके विपरित प्रभाव देखने को मिलते हैं. ऐसे लोग अपनी संतान के प्रति चिंतित नजर आएंगे. इनमें हाजिरजवाबी भी देखने को मिलती है. व्यापार और स्वास्थ्य की स्थिति एक-दूसरे के विपरित हो सकती है. ऐसे में आपको दोनों पर ध्यान देने की जरूरत होगी.
गलत संगति से दूर रहने को कहता है मंगल
मंगल के प्रभाव से व्यक्ति का खेल के क्षेत्र में झुकाव देखने को मिलता है. इसके प्रभाव से अच्छी उपलब्धि भी मिल सकती है. पांचवें भाव में मंगल के कारण व्यक्ति में चंचलता नजर आती है, लेकिन वह काफी बुद्धिमान भी हो सकता है. मंगल के प्रभाव से स्वभाव में उग्रता भी देखने को मिलती है. आपको गलत सगंति के साथ ही गलत कार्यों से भी दूर रहने की जरूरत होगी. सट्टा आदि में भी रुचि हो सकती है और इस कारण नुकसान भी हो सकता है. ऐसे लोगों को कब्ज आदि से संबंधित परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है.
स्वास्थ्य और धन पर दिखता है शनि का प्रभाव
अगर शनि पांचवें भाव में हो तो इसका असर आपके स्वास्थ्य और धन पर देखने को मिलेगा. जीवनसाथी के प्रति भी आपकी दिलचस्पी कम होगी. ऐसे लोग अपनी भावनाओं को भी खुलकर व्यक्त नहीं कर पाते. ऐसा व्यक्ति नीरस प्रवृत्ति का हो सकता है. हालांकि, शनि के प्रभाव से व्यक्ति बुद्धिमान होने के साथ ही परिश्रमी भी हो सकता है. ये लोग थोड़े चंचल प्रवृत्ति के भी हो सकते हैं. इनमें भगवान के प्रति भी आस्था देखने को मिलती है. हालांकि, शनि आलसी और निर्बल भी बना सकता है. इसका असर आपकी आर्थिक स्थिति पर भी देखने को मिलेगा.
राहु के प्रभाव से वैवाहिक जीवन में आती हैं बाधाएं
राहु की यह स्थिति काफी खतरनाक मानी जाती है. अगर पांचवें भाव में राहु हो, तो इसका असर आपके वैवाहिक जीवन पर देखने को मिलेगा. गृहस्थजीवन में कई तरह की बाधाओं का भी सामना करना पड़ सकता है. राहु के प्रभाव से बच्चों के साथ पिता के संबंधों में भी समस्या देखने को मिल सकती है. इनमें दयालुता भी देखने को मिलती है. व्यवसाय आदि में भी ये सफल हो सकते हैं. हालांकि, लेखन आदि के क्षेत्र में इन्हें सफलता मिलती है. राहु के कारण कई बार भ्रम की स्थिति हो सकती है. काफी खर्च करने तक की नौबत आ सकती है. इसका असर आपकी आर्थिक स्थिति पर भी देखने को मिल सकता है. ऐसे लोगों को काफी प्रयास के बाद ही धन की प्राप्ति होती है.
केतु के प्रभाव से हो सकता है आर्थिक नुकसान
केतु के पंचम भाव में होने का भी व्यक्ति के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल सकता है. इस स्थिति में आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ सकता है. स्वास्थ्य पर भी इसका प्रभाव दिखाई देगा. वैसे व्यक्ति दार्शनिक प्रवृत्ति का हो सकता है. व्यक्ति के जीवन में भावनात्मक संतुष्टि की कमी भी देखने को मिल सकती है. केतु के प्रभाव से आपको पशुधन की प्राप्ति होगी. इन लोगों को घूमना-फिरना ज्यादा पसंद होता है. इनमें कई बार धैर्य की कमी भी देखने को मिल सकती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)