Astrology: कुंडली के हर भाव का अपना अलग महत्व होता है. इन भावों में ग्रहों की मौजूदगी से यह पता चलता है कि आपका जीवन कैसा रहेगा. हर भाव का प्रभाव ग्रहों की स्थिति पर ही निर्भर करता है. यहां हम बात करेंगे कुंडली के तीसरे भाव में ग्रहों के प्रभाव की. कुंडली के तीसरे भाव में अगर शुभ ग्रह हों, तो आपके जीवन पर उसका बेहतर प्रभाव देखने को मिलता है. आइए जानते हैं तीसरे भाव में शुभ ग्रहों (Shubh Grah) का क्या प्रभाव आपके जीवन पर देखने को मिल सकता है.
कुंडली के तीसरे भाव में शुभ ग्रहों का प्रभाव
कालपुरुष की कुंडली के तीसरे भाव पर बुध ग्रह का प्रभाव माना गया है. इस भाव की राशि मिथुन होती है. अगर आपका तीसरा भाव मजबूत है, तो इसका प्रभाव आपकी पारिवारिक स्थिति पर देखने को मिलता है. परिवार में स्थिति बेहतर होती है. इतना ही नहीं छोटे भाई-बहनों के साथ भी संबंध बेहतर होते हैं. यह भाव बुद्धि के साथ ही आपकी रुचि को भी बताता है.
तीसरे भाव पर गुरु का प्रभाव
कुंडली के तीसरे भाव में गुरु का होना अच्छा माना जाता है. गुरु के प्रभाव से आपकी मानसिक क्षमता में वृद्धि देखने को मिलती है. किसी भी काम को आप आसानी से करने में सक्षम होंगे. शुरुआती शिक्षा के लिए भी गुरु की कृपा आपके लिए लाभकारी साबित होगी. पड़ोसियों के साथ ही परिवार के लोगों खासकर भाई-बहनों के साथ भी आपके संबंध बेहतर होंगे. ये लोग किसी भी काम को अधूरा नहीं छोड़ते, उसे पूरा करके ही दम लेते हैं. इतना ही नहीं इन्हें अपने काम में भी सफलता की प्राप्ति होती है. सरकार की ओर से भी मान-सम्मान की प्राप्ति होगी. हालांकि, तीसरे भाव में गुरु के प्रभाव (Guru Effects) से ये खर्च करने के मामले में थोड़े तंग हाथ हो सकते हैं.
तीसरे भाव पर चंद्रमा का प्रभाव
चंद्रमा बुद्धि और रचनात्मकता का प्रतिनिधित्व करते हैं. ऐसे में कुंडली के तीसरे भाग में चंद्रमा की मौजूदगी आपके लिए अच्छी होती है. आप कल्पनाशील होंगे, साथ ही आपकी ग्रहण क्षमता भी बेहतर होगी. भाई-बहनों के साथ भी इनमें काफी लगाव देखने को मिलता है. चंद्रमा मन की स्थिति का कारक होता है और ऐसे में व्यक्ति के अंदर कलात्मकता का विकास होता है. ऐसे लोगों में खर्च की बजाय बचत करने की प्रवृत्ति देखने को मिलती है. चंद्रमा (Chandrama) अगर अच्छी स्थिति में हों, तो व्यक्ति को भौतिक सुख की प्राप्ति होती है. छोटे भाई-बहनों के साथ भी संबंध बेहतर होते हैं. इन्हें नई-नई जगहों पर यात्रा करना भी पसंद होता है.
तीसरे भाव पर बुध का प्रभाव
तीसरे भाव में बुध के प्रभाव से आप बातचीत में माहिर होंगे. ऐसे व्यक्ति सहयोगी प्रवृत्ति के होते हैं. ऐसे लोगों में बुद्धि का स्तर ऊंचा होता है और ये काफी स्किल्ड भी होते हैं. तीसरे भाव में बुध के प्रबाव से व्यक्ति धार्मिक बनता है और उसकी शारीरिक स्थिति भी बेहतर होती है. ये लोग स्वभाव से विनम्र होते हैं. ऐसे लोगों का परिवार बड़ा होगा. भाई-बहनों से भी सुख की प्राप्ति होगी. ऐसे लोग अच्छे और सरल स्वभाव के होते हैं. इस कारण इनके दोस्तों की संख्या भी ज्यादा होती है.
कुंडली के तीसरे भाव में शुक्र
तीसरे भाव में शुक्र के प्रभाव से आपकी स्थिति बेहतर होगी. बातचीत के मामले में भी आप अच्छी स्थिति में होंगे, लेकिन आपको अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना होगा और स्थिति के मुताबिक ही बोलना और कोई काम करने की जरूरत होगी. ऐसे लोग उत्साह से भरे रहते हैं. इनमें व्यवहार कुशलता भी देखने को मिलती है. पढ़ने में भी इनकी रुचि होती है. शुक्र के प्रभाव से इन्हें भाग्य का साथ मिलता है और ये सुखी-संपन्न होते हैं. इनके भाई-बहनों की संख्या ज्यादा होगी, लेकिन संतान की संख्या कम हो सकती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)