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आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि पर ऐसे करें देवी मां का पूजन, मिलती है कृपा

जानिए जुलाई के महीने में पड़ने वाली आषाढ़ नवरात्रि के बारे में. यह कब से शुरू हो रही है और इस दौरान आप कैसे कलश स्थापना से लेकर माता रानी की पूजा अर्चना कर सकते हैं.

Edited by Updated : July 01, 2024 6:51 AM IST
आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि पर ऐसे करें देवी मां का पूजन, मिलती है कृपा
इस दिन से शुरू हो रही है नवरात्रि.
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Ashadha Gupt Navratri 2024: नवरात्रि के नौ दिनों में माता रानी की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को असीम सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है. सिर्फ चैत्र और शारदीय नवरात्रि ही नहीं, बल्कि इसके अलावा गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) में भी माता रानी की विधिवत पूजा-अर्चना करनी चाहिए. लेकिन, अक्सर लोगों को कन्फ्यूजन रहती है कि गुप्त नवरात्रि कब पड़ती है. जानिए जुलाई के महीने में पड़ने वाली आषाढ़ नवरात्रि के बारे में. यह कब से शुरू हो रही है और इस दौरान आप कैसे कलश स्थापना से लेकर माता रानी की पूजा अर्चना कर सकते हैं.

कब मनाई जाएगी आषाढ़ नवरात्रि

आषाढ़ नवरात्रि का पावन पर्व इस बार 6 जुलाई 2024 से मनाया जाएगा. प्रतिपदा तिथि की शुभ वेला सुबह 7:37 से लेकर 9:19 तक रहेगी, वहीं अभिजीत वेला का समय दोपहर 12:15 से लेकर 1:10 तक है. इस बीच घट स्थापना या कलश स्थापना करने का सबसे उत्तम समय माना जाता है. घट स्थापना (Ghatsthapana) करने के लिए सबसे पहले एक लाल रंग का वस्त्र बिछाएं, इसके ऊपर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें, मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज बोएं और नवमी तिथि तक हर दिन इसमें पानी का छिड़काव करें.

इस तरह करें कलश स्थापना

आषाढ़ नवरात्रि के मौके पर अगर आप कलश स्थापना करना चाहते हैं, तो शुभ मुहूर्त में एक तांबे या पीतल के कलश में गंगाजल भरें, इसके ऊपर आम की पत्तियां लगाएं और उस पर एक नारियल को रखें, इसे माता रानी की प्रतिमा के पास रखें. कहा जाता है कि आषाढ़ नवरात्रि में देवी मां की प्रतिमा के दाहिने तरफ काल भैरव का पूजन करें और बाई तरफ गौर भैरव का पूजन करना चाहिए. वहीं, दाएं तरफ घी का दीया और बाएं तरफ तिल के तेल का दीया जलाना चाहिए. अगर आप व्रत कर रहे हैं तो नवचंडी यज्ञ कर सकते हैं, इससे भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं. साथ ही, माता रानी को हर दिन सुगंधित पुष्प माला, फूल फल आदि अर्पित करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)