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भगवान शिव की पूजा करते हुए भोलेनाथ के इन 108 नामों का जाप करना माना जाता है बेहद शुभ

Budh Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत के दिन मान्यतानुसार भगवान शिव का पूजन किया जाता है. कहते हैं भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं और खुशहाली व आरोग्य का वरदान देते हैं.

Written by Updated : February 22, 2024 7:23 AM IST
भगवान शिव की पूजा करते हुए भोलेनाथ के इन 108 नामों का जाप करना माना जाता है बेहद शुभ
108 Names Of Lord Shiva: यहां जानिए महादेव के 108 नाम. 
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Pradosh Vrat 2024: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. माना जाता है कि प्रदोष व्रत पर यदि पूरे मनोभाव से भगवान शिव का पूजन किया जाए तो महादेव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की हर मनोकामना सुनते हैं. पंचांग के अनुसार हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है. आज बुध प्रदोष व्रत (Budh Pradosh Vrat) रखा जा रहा है. बुधवार के दिन पड़ने के चलते इसे बुध प्रदोष व्रत कहते हैं. मान्यतानुसार प्रदोष व्रत के दिन महादेव के साथ-साथ माता पार्वती का पूजन भी किया जाता है. वहीं, प्रदोष व्रत की पूजा रात के समय प्रदोष काल में होती है. प्रदोष काल आज शाम 6 बजकर 15 मिनट से रात 8 बजकर 47 मिनट तक होगा. इस बीच महादेव का पूजन किया जा सकता है. मान्यतानुसार प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के 108 नामों (Names) का जाप करना बेहद शुभ होता है. कहते हैं ऐसा करने पर भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं. 

भगवान शिव के 108 नाम | 108 Names Of Lord Shiva 

ॐ दिग्वाससे नमः ।।
ॐ कामाय नमः ।।
ॐ मंत्रविदे नमः ।।
ॐ परममन्त्राय नमः ।।
ॐ सर्वभावकराय नमः ।।
ॐ हराय नमः ।।
ॐ कमण्डलुधराय नमः ।।
ॐ धन्विते नमः ।।
ॐ बाणहस्ताय नमः ।।
ॐ कपालवते नमः ।।
ॐ अशनिने नमः ।।
ॐ शतघ्निने नमः ।।
ॐ खड्गिने नमः ।।
ॐ पट्टिशिने नमः ।।
ॐ आयुधिने नमः ।।
ॐ महते नमः ।।
ॐ स्रुवहस्ताय नमः ।।
ॐ सुरूपाय नमः ।।
ॐ तेजसे नमः ।।
ॐ तेजस्करनिधये नमः
ॐ उष्णीषिणे नमः ।।
ॐ सुवक्त्राय नमः ।।
ॐ उदग्राय नमः ।।
ॐ विनताय नमः ।।
ॐ दीर्घाय नमः ।।
ॐ हरिकेशाय नमः ।।
ॐ सुतीर्थाय नमः ।।
ॐ कृष्णाय नमः ।।
ॐ श्रृगालरूपाय नमः ।।
ॐ सिद्धार्थाय नमः
ॐ मुण्डाय नमः ।।
ॐ सर्वशुभंकराय नमः ।।
ॐ अजाय नमः ।।
ॐ बहुरूपाय नमः ।।
ॐ गन्धधारिणे नमः ।।
ॐ कपर्दिने नमः ।।
ॐ उर्ध्वरेतसे नमः ।।
ॐ उर्ध्वलिंगाय नमः ।।
ॐ उर्ध्वशायिने नमः ।।
ॐ नभस्थलाय नमः ।।
ॐ त्रिजटाय नमः ।।
ॐ चीरवाससे नमः ।।
ॐ रूद्राय नमः ।।
ॐ सेनापतये नमः ।।
ॐ विभवे नमः ।।
ॐ अहश्चराय नमः ।।
ॐ नक्तंचराय नमः ।।
ॐ तिग्ममन्यवे नमः ।।
ॐ सुवर्चसाय नमः ।।
ॐ गजघ्ने नमः ।।
ॐ दैत्यघ्ने नमः ।।
ॐ कालाय नमः ।।
ॐ लोकधात्रे नमः ।।
ॐ गुणाकराय नमः ।।
ॐ सिंहसार्दूलरूपाय नमः ।।
ॐ आर्द्रचर्माम्बराय नमः ।।
ॐ कालयोगिने नमः ।।
ॐ महानादाय नमः ।।
ॐ सर्वकामाय नमः ।।
ॐ चतुष्पथाय नमः ।।
ॐ निशाचराय नमः ।।
ॐ प्रेतचारिणे नमः ।।
ॐ भूतचारिणे नमः ।।
ॐ महेश्वराय नमः ।।
ॐ बहुभूताय नमः ।।
ॐ बहुधराय नमः ।।
ॐ स्वर्भानवे नमः ।।
ॐ अमिताय नमः ।।
ॐ गतये नमः ।।
ॐ नृत्यप्रियाय नमः ।।
ॐ नृत्यनर्ताय नमः ।।
ॐ नर्तकाय नमः ।।
ॐ सर्वलालसाय नमः ।।
ॐ घोराय नमः ।।
ॐ महातपसे नमः ।।
ॐ पाशाय नमः ।।
ॐ नित्याय नमः ।।
ॐ गिरिरूहाय नमः ।।
ॐ नभसे नमः ।।
ॐ सहस्रहस्ताय नमः ।।
ॐ विजयाय नमः ।।
ॐ व्यवसायाय नमः ।।
ॐ अतन्द्रियाय नमः ।।
ॐ अधर्षणाय नमः ।।
ॐ धर्षणात्मने नमः ।।
ॐ यज्ञघ्ने नमः ।।
ॐ कामनाशकाय नमः ।।
ॐ दक्षयागापहारिणे नमः ।।
ॐ सुसहाय नमः ।।
ॐ मध्यमाय नमः ।।
ॐ तेजोपहारिणे नमः ।।
ॐ बलघ्ने नमः ।।
ॐ मुदिताय नमः ।।
ॐ अर्थाय नमः ।।
ॐ अजिताय नमः ।।
ॐ अवराय नमः ।।
ॐ गम्भीरघोषाय नमः ।।
ॐ गम्भीराय नमः ।।
ॐ गंभीरबलवाहनाय नमः ।।
ॐ न्यग्रोधरूपाय नमः ।।
ॐ न्यग्रोधाय नमः ।।
ॐ वृक्षकर्णस्थितये नमः ।।
ॐ विभवे नमः ।।
ॐ सुतीक्ष्णदशनाय नमः ।।
ॐ महाकायाय नमः ।।
ॐ महाननाय नमः ।।
ॐ विश्वकसेनाय नमः ।।
ॐ हरये नमः ।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)